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सरकार की ओर से पावर हाउस से लेकर सब स्टेशन संभालने के लिए पुख्ता वैकल्पिक इंतजाम किए जाने का दावा किया गया है।बिजली उत्पादन से लेकर पावर सप्लाई सिस्टम पटरी से उतर गया था। करोड़ों का बड़ा नुकसान हुआ था। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थ्य और पेयजल पर भी असर पड़ सकता है।
सरकार के उपक्रमों के जरिए पावर हाउस चलाने का दावा किया जा रहा है। दूसरे विभागों से कर्मचारी, इंजीनियर बुलाए जा रहे हैं। जल निगम, जल संस्थान, लोनिवि, सिंचाई विभाग से स्टाफ मंगाया जा रहा है।ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि क घंटे का भी बिजली उत्पादन प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। सरकार ने पुख्ता वैकल्पिक इंतजाम कर लिए हैं। हर पावर हाउस का संचालन किया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि राज्य में एक घंटे भी बिजली उत्पादन प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। सरकार ने पुख्ता वैकल्पिक इंतजाम कर लिए हैं। हर पॉवर हाउस का संचालन किया जाएगा। इधर, कर्मचारियों के पक्ष में कई कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल के समर्थन की घोषणा की है।
विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा उत्तराखंड ने कहा है कि सरकार कर्मचारियों के धैर्य की परीक्षा न ले। वह मांगों पर गंभीरता से विचार करे।
हड़ताल से पहले बिजली व्यवस्था हाथ में ले सरकार
बिजली कर्मियों के हड़ताल के अल्टीमेटम को देखते हुए उद्योग जगत ने सरकार से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।
चिकित्सा सम्बन्धी अति महत्वपूर्ण सेवाओं, आईसीयू यूनिट्स, ऑपरेशन थियेटर, ब्लड बैंक और बिजली से संचालित अन्य उपकरणों के संचालन को वैकल्पिक इंतजाम किए जाएं। हड़ताल का बड़ा असर पेयजल सप्लाई पर भी पड़ेगा। सभी ट्यूबवेल, पंपिंग स्कीम बिजली से ही संचालित होती हैं। एक दिन में भी बड़ा संकट होगा।