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सैनिक स्कूल में लड़कों के साथ कदम से कदम मिला रहीं छात्राएं

लड़कियों को भारतीय फौज में अधिकारी बनकर देश की सेवा करने के सपना को साकार करने के लिए अब सैनिक स्कूल का साथ मिल गया है। हथुआ स्थित सैनिक स्कूल गोपालगंज में सहपाठी छात्रों के साथ छात्राएं कदम से कदम मिला रहीं हैं। पहली बार सैनिक स्कूल में लड़कियों को नामांकन मिला है।

सैनिक स्कूल गोपालगंज सहित बिहार में स्थित सभी सैनिक स्कूलों में इस बार कक्षा छह में दस-दस लड़कियों का नामांकन लिया गया है। सैनिक स्कूल गोपालगंज में छात्राओं के लिए अलग हास्टल से लेकर लेडिज स्टाफ की व्यवस्था की गई है। हालांकि पढ़ाई तथा शारीरिक व मानसिक क्षमता के विकास के लिए सैनिक स्कूल में तय मापदंड में छात्राओं के लिए कोई ढील नहीं दी गई है। सरकार ने सैनिक स्कूलों में लड़कियों का एडमिशन करने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले को देखते हुए सैनिक स्कूल केंद्रीय कमांड ने 15 अगस्त को इस संबंध में सभी सैनिक स्कूलों को नोटिफेशन भेजा। हथुआ स्थित सैनिक स्कूल के प्राचार्य कर्नल टी चक्रवर्ती ने बताया कि नोटिफिकेशन मिलने के बाद सैनिक स्कूल में छात्राओं के एडमिशन लेने तथा उनके लिए रहने की व्यवस्था करने को लेकर काम शुरू कर दिया गया। अक्टूबर-नवंबर में सैनिक स्कूल में नामांकन के लिए आनलाइन आवेदन भरा गया। इस बार कक्षा छह में नामांकन के लिए छात्रों के साथ ही छात्राओं का भी आनलाइन आवेदन लिया गया। सात फरवरी को बिहार के विभिन्न सेंटरों पर सैनिक स्कूल में नामांकन के लिए आयोजित परीक्षा में छात्रों के साथ छात्राएं भी शामिल हुईं। रिजल्ट के आधार पर जुलाई में हथुआ स्थित सैनिक स्कूल गोपालगंज के साथ ही बिहार में स्थित सभी सैनिक स्कूलों में कक्षा छह में पहली बार दस-दस छात्राओं का एडमिशन किया गया।

छात्राओं के लिए अलग है सभी जरूरी सुविधाएं सैनिक स्कूल गोपालगंज में छात्राओं के लिए अलग हास्टल बनाया गया है। हास्टल के सभी कमरों में बायोटायलेट से लेकर अन्य जरूरी सुविधाएं हैं। छात्राओं के लिए लेडिज स्टाफ की भर्ती की गई है। हास्टल में लेडिज आया तथा लेडिज वार्डन के रखने की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि सैन्य छात्राओं के लिए लेडिज खेल शिक्षक भी हैं। उन्होंने बताया कि जेंडर के अनुसार छात्राओं के रहने तथा अन्य जरूरी व्यवस्था अलग की गई है। लेकिन पढ़ाई से लेकर शारीरिक व मानसिक क्षमता विकास के लिए सैनिक स्कूल के तय मापदंड में छात्राओं के लिए कोई छूट नहीं दी गई है। छात्रों तथा छात्राओं के लिए समान मापदंड हैं।