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सालों में पैसे से मिलने वाले सामान सौ रुपये पार,जानिए 1947 और आज के रेटों की तुलना

भारत देश आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है। बीते 74 सालों में देश में बहुत से बदलाव आए हैं। सुविधाओं के साथ महंगाई इस चरम पर है कि गांव से लेकर शहरों तक लोग इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इन 74 वर्षों में एक से दस पैसे में मिलने वाले सामानों के दाम इस कदर बढ़ गए कि वे 100 रुपये पार पहुंच गए। महंगाई के इस दौर में आम जनमानस को खासा दिक्कतें हो रही हैं, मगर महंगाई है कि रुकने का नाम नहीं ले रही है।

15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद हुआ। 1947 में भारत देश में इतनी सुविधाएं नहीं थीं, जो वर्तमान में हैं। हालांकि कई सुविधाओं का अभाव अब भी देश में है, मगर महंगाई का दंश हर कोई झेल रहा है। नौ दशकों से लगातार व्यापार करते आ रहे व्यापारी सुरेश चन्द्र अग्रवाल ने बताया कि बदलते हालातों की वजह से इतनी महंगाई बढ़ रही है। जनसंख्या बढ़ने के साथ लोगों की जरूरतें बढ़ रही हैं, जिसका असर महंगाई के रूप में देखने को मिल रहा है।

सेर के हिसाब से मिलता था सामान

लोगों को इन दिनों बाजार में सामान खरीदना हो तो उन्हें किलोग्राम के हिसाब से दिया जाता है। मगर आज से 74 वर्ष पूर्व सामान सेर के हिसाब से मिलता था। सेर भारतीय उपमहाद्वीप का एक पारम्परिक वजन का माप है। आधुनिक वजन के हिसाब से एक सेर लगभग 933 ग्राम के बराबर है।

88.62 रुपये प्रति 10 ग्राम मिलने वाला सोना 48 हजार पार: देश की आजादी के बाद से महंगाई का दौर इतनी तेजी से बढ़ा कि हर वस्तु के दाम आसमान छूने लगे। 1947 में जहां 10 ग्राम सोने की कीमत 88.62 रुपये बताई गई, वहीं अब यह सोना 48 हजार 265 रुपये पहुंच गया है।

1947 और आज के दाम

सामान    1947 के दाम  आज के दाम

चावल     25 पैसा            33 रुपये

अरहर    2 रुपये            115 रुपये

राजमा    1.5 रुपये         130 रुपये

दूध       50 पैसा             50 रुपये

मावा    2 रुपये               260 रुपये

आटा    सवा रुपये           28 रुपये

साबुन    15 पैसे             191 रुपये

पेट्रोल    2 रुपये             98.12 रुपये

आलू    25 पैसा              30 रुपये नोट: (दाम प्रति किलो के अनुसार हैं)