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आशाओं की हड़ताल से अल्मोड़ा में कार्य प्रभावित

अल्मोड़ा जिले में कुल लगभग 936 आशाएं कार्यरत हैं। जिलेभर में प्रतिदिन औसतन 20 से 40 प्रसव होते हैं। आशाओं की प्रसव में महत्वपूर्ण भूमिका है। न दिनों जिले के सभी टीकाकरण केंद्रों में आशाएं कार्य करती हैं।

गांव-गांव जाकर टीकाकरण, लोगों को जागरूक करने समेत तमाम कार्य भी आशाओं के जिम्मे है। इन दिनों आशाओं के कार्यबहिष्कार से इन कार्यों में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग से संचालित कई योजनाओं में घर-घर जाकर दवाओं के वितरण भी आशाओं की हड़ताल से प्रभावित हैं।

कई बुनियादी कार्य आशाओं के जिम्मे होता है। आशाओं के कार्यबहिष्कार से विभिन्न कार्य प्रभावित हुए है। आगे भी कार्य बहिष्कार जारी रखते हैं तो टीकाकरण समेत दवाओं के वितरण में दिक्कतें होंगी। -डॉ. सविता ह्यांकी, सीएमओ अल्मोड़ा।

मांगों को लेकर हम लगातार कार्यबहिष्कार और आंदोलन कर रहे हैं, पर अब तक कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं मिला है। मांगें पूरी नहीं होने तक हम आंदोलन जारी रखेंगे। -ममता तिवारी, ब्लॉक अध्यक्ष।

अपनी चिंता छोड़ लगातार कार्य करते आए हैं, ऐसे में आज भी हमारी मांगों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। हम लगातार आंदोलन कर रहे हैं। सरकार को सभी मांगें पूरी करनी होगी। मांग पूरी नहीं होने पर जरूरत पड़ी तो हम उग्र आंदोलन करेंगे। -विजय लक्ष्मी, आशा कार्यकर्ता।

आशाओं ने उनकी मांगों को नजरअंदाज करने का लगाया आरोप

अल्मोड़ा। विभिन्न मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं का धरना और कार्यबहिष्कार लगातार जारी है। बुधवार को दसवें दिन आशा यूनियन की एक्टू और सीटू आशा कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में धरना दिया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शीघ्र सभी मांगों के निस्तारण की मांग उठाई।

धरने पर बैठी कार्यकर्ताओं ने सरकार पर उनकी मांगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। कहा कि वह लगातार मांग कर रही हैं लेकिन उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने मानदेय 21 हजार रुपये प्रतिमाह करने समेत तमाम मांगें उठाई। वहां शांति टम्टा, किरन आर्या, रूपा देवी, पुष्पा देवी, अंजना आर्या, जानकी गुरुरानी आदि थे।

बागेश्वर की आशा कार्यकर्ता हड़ताल पर नहीं, आंदोलन को दे रहीं समर्थन

बागेश्वर। बागेश्वर जिले की आशा कार्यकर्ता हड़ताल पर नहीं हैं। जिले में आशाओं के सारे कार्य पूर्ववत तरीके से हो रहे हैं। आशा कार्यकर्ता संगठन देहरादून में चल रहे आंदोलन का समर्थन कर रहा है। संगठन के पदाधिकारी एक बार देहरादून में चल रहे आंदोलन में शिरकत भी कर रहे हैं।

आशा कार्यकर्ता संगठन की जिलाध्यक्ष बसंती देवी ने बताया कि जिले में आशाओं के सारे कार्य पूर्ववत चल रहे हैं। टीकाकरण में भी वह लोग सहयोग दे रही हैं। कहा कि उन लोगों की जायज मागें पूरी की जानी चाहिए।

वह लोग सरकारी कर्मचारी घोषित करने, मानदेय कम से कम 18000 रुपये देने के साथ ही स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा कराने समेत तमाम मांगें उठा रही हैं।

मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है। बताया कि देहरादून में चल रहे आंदोलन को जिले की आशाओं का पूरा समर्थन है। वह बीते आठ अगस्त को देहरादून जाकर आंदोलन में शिरकत कर चुकी हैं।