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टोक्यो ओलंपिक ; सेमीफाइनल में पहुंचे दीपक पूनिया, पिता नहीं बन पाए थे पहलवान तो बेटे ने किया सपना साकार

टोक्यो ओलंपिक 2020 में बुधवार का दिन भारत के लिए खुशी की कई खबरें एक साथ लेकर आया है। हमारे पहलवानों ने देश में नई उम्मीद जगाई है कि आज भारत को कुछ और मेडल मिलेंगे। इन्हीं में से एक हैं हरियाणा के बहादुरगढ़ के गांव छारा निवासी पहलवान दीपक पूनिया जिन्होंने नाइजीरिया के पहलवान को 12-1 से हराया। दीपक बेहद जुझारू पहलवान हैं और उनकी जिंदगी देश के अन्य पहलवानों के लिए भी मिसाल है। आइए जानते हैं दीपक पूनिया की जिंदगी के बारे में कई ऐसी बातें जो बहुत कम लोग जानते हैं…

पिता खुद नहीं बन पाए पहलवान बेटे को बनाया

बहादुरगढ़ के झज्झर के रहने वाले दीपक के पिता सुभाष को अपने बेटे पर गर्व है। वह भावुक होते हुए कहते हैं कि कभी उन्होंने पहलवान बनने का सपना देखा था, लेकिन घर के हालात ऐसे नहीं थे कि पहलवानी कर पाता। जब घर में खाने के लाले होंगे तो पहलवानी कहां से होती। यही कारण था कि उन्होंने दो बेटियों के बाद जन्में दीपक को छोटी उम्र में ही अखाड़े के राह दिखा दी।