यूपी: संपत्तियों का ब्योरा नहीं देने वाले वाणिज्य कर अफसरों पर गिर सकती है गाज, तैयार हो रही सूची

सरकार के बार-बार निर्देश के बावजूद संपत्तियों का सालाना ब्योरा न देना वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों पर भारी पड़ सकता है। ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है। जल्द ही इन अधिकारियों से जवाब तलब करके अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, वाणिज्य कर मुख्यालय ने सभी श्रेणी के अधिकारियों को वर्ष 2020-21 तक के संपत्तियों का विवरण 30 अप्रैल तक वाणिज्य कर आयुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसके लिए एक प्रारूप भेजा गया है। इसमें गृह व भू-संपत्तियों के अलावा अन्य प्रकार की संपत्तियों का अलग-अलग विवरण भेजने को कहा गया है। यही नहीं, प्रारूप में कार्मिक को अपनी पत्नी या पति, बेटे और आश्रित सगे संबंधियों के नाम की संपत्तियों के बारे में अनिवार्य रूप से जिक्र करना है।

गौरतलब है कि पहले की व्यवस्था के मुताबिक अधिकारियों को पांच साल में एक बार संपत्तियों को विवरण विभाग को भेजना पड़ता था। मगर सरकार ने इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। इसमें अधिकारियों को हर साल चल-अचल संपत्तियों का विवरण भेजना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत विभाग में तैनात विभिन्न श्रेणी के 2,000 से अधिक राजपत्रित अधिकारियों में से 60 से 70 प्रतिशत अधिकारियों ने भी अपनी संपत्तियों का सालाना ब्योरा मुख्यालय को नहीं भेजा है।