उन्होंने सवाल किया, ”मैं लंदन में रहूं या भारत की किसी जेल में, मैं रुपये लौटाने को तैयार हूं. बैंक मेरी पेशकश के बावजूद रुपये क्यों नहीं ले रहे हैं.” किंगफिशर एयरलाइन के पूर्व प्रमुख ने मीडिया पर भी हमला बोलते हुए दावा किया कि वह जब भी सरकारी बैंकों को पैसा लौटाने की बात करते हैं तो मीडिया में ऐसी खबरें चलने लगती हैं कि वह ब्रिटेन से भारत में प्रत्यर्पित किये जाने से ‘डर’ गए हैं.
करीब 9,000 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाखड़ी एवं मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे कारोबारी ने दावा किया कि भारत सरकार निजी विमानन कंपनियों के साथ भेदभाव कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को सहायता राशि दी, जबकि किंगफिशर एयरलाइन एवं अब जेट एयरवेज को संकट से उबारने में सरकार ने मदद नहीं की.
माल्या ने ट्वीट किया, ”हालांकि एक समय में जेट, किंगफिशर की बड़ी प्रतिद्वंद्वी हुआ करती थी लेकिन इस समय एक बड़ी एयरलाइन को विफलता के कगार पर पहुंचता देख मुझे दुख हो रहा है. सरकार ने एयर इंडिया को संकट से उबारने के लिए 35,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी?. पीएसयू होना भेदभाव का आधार नहीं हो सकता.”
उन्होंने कहा, ”मैंने किंगफिशर में काफी अधिक निवेश किया. वह एयरलाइन तेजी से बढ़ी और भारत की सबसे बड़ी और सबसे अधिक पुरस्कृत एयरलाइन बन गई. ये सच है कि किंगफिशर ने सरकारी बैंकों से भी कर्ज लिया. मैंने 100 फीसदी कर्ज लौटाने की पेशकश की, इसके बावजूद मुझ पर आपराधिक आरोप लगाए जा रहे हैं.”