अस्पताल के भूमि पूजन में पहुंचे सिंधिया, विरोध कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले चले

 

 

ग्वालियर। प्रदेश में श्रेय की राजनीति अब बवाल का कारण बनती जा रही है। ताजा घटनाक्रम में ग्वालियर में अस्पताल के भूमिपूजन कार्यक्रम से पहले पुलिस ने विरोध जता रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां बरसाईं। हालात इतने तनाव वाले हो गए कि पुलिस को वॉटर कैनन और आंसू गैस का भी इस्तेमाल करना पड़ा। करीब 2 घंटे तक चले हंगामे के बाद पुलिस ने करीब 200 भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया, जिनमें सांसद अनूप मिश्रा भी शामिल हैं।

 

दरअसल अस्पताल का ये प्रोजेक्ट शिवराज सिंह सरकार के कार्यकाल का है। कुछ तकनीकी पेंच आने के कारण इसका भूमिपूजन नहीं हो पाया था। अब सरकार बदली तो स्थानीय कांग्रेस विधायक ने इस अस्पताल का भूमिपूजन और अंचल के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कराना तय किया गया। इसी बात को लेकर भाजपा ने आपत्ति जताई। बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता सुबह से ही यहां इकट्ठा हो गए और नारेबाजी करते हुए उन्होंने सड़क भी जाम कर दी थी।
1000 बिस्तर वाले इस अस्पताल के लोकार्पण को लेकर पिछले कुछ दिनों से भारी तनाव था। विरोध कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल को कार्यक्रम स्थल की ओर जाने नहीं दिया।
पुलिस द्वारा काफी समझाइश के बाद भी भाजपा कार्यकर्ता यहां से नहीं हटे। इसी दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों में झड़प हो गई। धक्का-मुक्की के साथ शुरू हुई ये झड़प जब नियंत्रित नहीं हुई तो पुलिस ने यहां कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसा दी। इससे पूरे प्रदर्शन स्थल पर अफरातफरी मच गई। लाठीचार्ज में कई कार्यकर्ता घायल भी हुए। लाठीचार्ज के बाद भी विरोध जारी रहा था तो पुलिस ने वॉटर केनन चलाकर कार्यकर्ताओं को खदेड़ा। इसमें भी कई कार्यकर्ता घायल हुए। बाद में करीब 300 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया।
इस पूरे मामले को लेकर महापौर विवेक शेजवलकर का कहना था कि ये नैतिक रूप से गलत है। काम किसी का और श्रेय कोई दूसरा ले, यह लोकतंत्र के विरुद्ध है। केवल पत्थरों पर नाम लिखकर श्रेय नहीं लेना चाहिए। अधिकारी या जो भी ऐसा करा रहे हैं वे अतिथियों को जूठन खिला रहे हैं, उनका अपमान करा रहे हैं।
इधर कांग्रेस का कहना है कि हजार बिस्तर के अस्पताल के लिए भाजपा सरकार केवल भूमिपूजन तक सीमित रही। लेकिन सत्ता में आते ही कांग्रेस ने इस मामले में तेजी से काम किया और सारी बाधाएं दूर की। इसलिए भाजपा को विरोध का नैतिक अधिकार नहीं है। सिंधिया को पड़ाव क्षेत्र स्थित नए आरओबी का लोकार्पण भी करना था, लेकिन भाजपा के विरोध के चलते फिलहाल ये कार्यक्रम टाल दिया गया।