लखनऊ। पैदल यात्रियों के लिए पॉलीटेक्निक चौराहे को जाम के बीच सुरक्षा के साथ पार करने का फुटओवर ब्रिज ही इकलौता सहारा है, लेकिन उनकी सुविधा के लिए बनाया गया फुट ओवरब्रिज असुविधा देने में लगा है। नशेड़ियों के चलते महिलाओं को फुट ओवरब्रिज पर अकेले चढ़ने पर भी डर लगता है। फुट ओवरब्रिज की रेलिंग पर विज्ञापन कंपनियों ने दोनों ओर से होर्डिग और बैनर लगा दिए हैं, जिससे महिलाओं को यहां और अधिक भय लगता है।
तभी अधिकांश महिलाएं किसी न किसी परिचित के साथ यहां से निकलती हैं। फुट ओवरब्रिज पर ही कुछ लोग नशा करके आराम से सो रहे थे। यहां पर खाली पड़ी बियर, शराब की बोतलें और सिगरेट की डिब्बियां फुट ओवरब्रिज पर नशे के सौदागारों का हाल खुद-ब-खुद बयां कर रहीं थीं। प्रत्यक्षदर्शियों ने नाम पर छापने की शर्त पर बताया कि शाम से देर रात तक फुट ओवरब्रिज पर नशेड़ियों का जमावड़ा लगता है, इसीलिए कोई महिला शाम को भूल से भी यहां से निकलने का साहस नहीं जुटा पाती। चार दिन पहले ही एसएसपी कलानिधि नैथानी ने भी फुटओवर ब्रिज का निरीक्षण करके पुलिसकर्मियों के साथ संबंधित विभाग को भी जरूरी दिशा निर्देश दिये थे, लेकिन अभी तक फुट ओवरब्रिज से अराजकता कम नहीं हो सकी है।
अब यहां फिर ट्रैफिक सिग्नल से दौड़ेगा यातायात
पॉलीटेक्निक चौराहे की यातायात व्यवस्था सिग्नल बंद होने के चलते जाम सी हो गई थी। चौराहे पर छह महीने से खराब पड़े सिग्नल वाहन चालकों को मुंह चिढ़ा रहे थे और ट्रैफिक पुलिसकर्मी बिना मन के हाथ हिलाकर यातायात व्यवस्था का मैनुअली संचालन करने को मजबूर थे। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने चौराहे का निरीक्षण करके ट्रैफिक के साथ संबंधित विभागों को जरूरी दिशा निर्देश दिये। जिसके बाद गुरुवार को पॉलीटेक्निक चौराहे की तकनीकी दिक्कत दूर करके ट्रैफिक सिग्नल से यातायात व्यवस्था का संचालन चालू कर दिया गया।
चौराहे पर टेंपो व ई रिक्शा स्टैंड बना अराजकता का अड्डा
पॉलीटेक्निक चौराहे पर टेंपो व बस पर चालान समेत सख्त कार्रवाई के दावे किये गए थे, लेकिन यहां तो बकायदा टेंपो और ई रिक्शा-स्टैंड चल रहा था, बस भी रुककर सवारियों को उतार और चढ़ा रही थीं। पूरे चौराहे की यातायात व्यवस्था चरमरा गई थी। जो जहां पा रहा था वहां से गाड़ी निकाल रहा था, परिणाम स्वरूप चौराहा चोक हो गया था। कैमरा देखकर एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी बूथ से कान में फोन लगाए निकला और फोन पर ही बातें करते हुए हाथ हिलाकर ट्रैफिक का संचालन करने लगा।
इन चौराहों की सूरत भी संवरेगी
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि हजरतगंज चौराहा, मेफेयर तिराहा, वाल्मीकि हिंदी संस्थान तिराहा, अलका तिराहा, महाराणा प्रताप चौराहे पर कम हाइट के खूबसूरत रिफ्लेक्टर वाले डिवाइडर बनाए जाएंगे। एसएसपी के निर्देशन में एएसपी ट्रैफिक व मेट्रो रेल कॉपरेरेशन ने रूपरेखा तैयार की है।