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वैष्णो देवी भवन पर भारी बर्फबारी, हैलीकाप्टर-केबल कार सेवा बंद

जम्मू। वैष्णो देवी के त्रिकुटा पर्वतों के बाद मां का भवन भी अब बर्फ की चफेद चादर में लिपट नजर आ रहा है। सुबह से हो रही बर्फबारी के कारण भवन का आंगन और यात्रा मार्ग पर बर्फ की मोटरी परत बिछ गई है। श्रद्धालु माता के दर्शनों के साथ-साथ बर्फबारी का पूरा आनंद उठा रहे हैं। इस बर्फबारी के बाद जहां भवन पर शीत लहर का प्रकोप भी बढ़ गया है। वहीं श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने हैलीकाप्टर व केबल कार सेवा को फिलहाल मौसम साफ होने तक बंद कर दिया है।

खराब मौसम व बर्फबारी की परवाह किए बिना माां वैष्णो के दर्शनों के दर्शनों को श्रद्धालुओं का पहुंचना निरंतर जारी है। हैलीकाप्टर सेवा बंद होने के बावजूद श्रद्धालु पैदल, पालकी और घोड़े पर यात्रा को जारी रखे हुए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा व उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की ओर से आपदा प्रबंधन के कर्मी यात्रा मार्ग पर तैनात हैं। मार्ग पर पड़ी बर्फ को हटाने का काम निरंतर जारी है। बर्फ के बाद मार्ग पर फिसलन बढ़ गई है, ऐसे में आपदा प्रबंधन के कर्मी श्रद्धालुओं को इस बारे में सूचित भी कर रहे हैं। वहीं कड़ाके की ठंड और बर्फबारी के बावजूद भी श्रद्धालुओं का जोश कम नहीं हुआ है। वे माता के दर्शनों के लिए भवन की तरफ बढ़ रहे हैं।

जिन श्रद्धालुओं ने त्रिकुटा पर्वत पर विराजमान मां वैष्णो के पिंडी रूप के दर्शन कर लिए हैं, वे भी इस आलोकिक दृश्य को अपने मोबाइल कैमरों में कैद करते नजर आ रहे हैं। दिल्ली से आए दीपक वर्मा का कहना है कि यह पहला अवसर है जब उन्होंने बर्फबारी होते देखी है। मां भगवती का भवन स्वर्ग जैसा प्रतीत हो रहा है। उन्होंने कहा कि यात्रा को लेकर उन्हें कोई परेशानी नहीं आई है। श्राइन बोर्ड ने जगह-जगह गर्म पानी, अलाव, कंबल की व्यवस्था कर रखी है। लोग मां भगवती के जयकारों के साथ बर्फबारी का आनंद उठा रहे हैं। वहीं पानीपत से आए संजय शर्मा ने कहा कि कैबल कार बंद होने के कारण वे अपने परिवार के साथ भैरो घाटी नहीं जा पाए। दुर्गम मार्ग होने व बर्फबारी के कारण रास्ते में फिसलन होने के कारण वह यह यात्रा पैदल नहीं कर पाएंगे।

वहीं श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ सिमरनदीप सिंह ने कहा कि भवन पर छह इंच, सांझी छत पर छह इंच, भैरव घाटी पर तीन इंच जबकि त्रिकुटा पर्वत पर डेढ़ फुट बर्फ पड़ी है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर संभव प्रबंध किए गए हैं। बैटरी कार शुरू कर दी गई है। मौसम में सुधार होते ही हैलीकाप्टर व केबल कार सुविधा भी शुरू कर दी जाएगी। परंतु जिस तरह मौसम के तेवर हैं, फिलहाल यह सेवा शुरू करना संभव नहीं लगता।

उन्होंने यह भी बताया कि यात्रा मार्ग पर आपदा प्रबंधन कर्मी तैनात किए गए हैं जो हर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। श्रद्धालु बेझिझक पैदल यात्रा पर जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि अभी भी इस हजार से अधिक श्रद्धालु यात्रा ट्रैक पर मौजूद है।