जेएनयू में देशविरोधी नारे लगाने वाले मामले में आज तीन साल बाद जाकर दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दायर कर की है। जानकारी के अनुसार इस चार्जशीट में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य समेत कुल 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 323, 465, 471, 143, 149, 147, 120बी के तहत आरोप दायर किए हैं। पटियाला हाउस कोर्ट इस चार्जशीट पर कल संज्ञान लेगी।
Chargesheet filed under various sections of Indian Penal Code (IPC) including 124A 323, 465, 471,143, 149, 147, 120B, in 2016 JNU sedition case. https://t.co/GYFT5G9sni
— ANI (@ANI) January 14, 2019
वहीं इस बारे में जब कन्हैया से बात की गई तो वो बोले कि अगर ये खबर सही है तो मैं पुलिस और मोदी जी को धन्यवाद देता हूं। इस मामले की तीन साल बाद चार्जशीट फाइल करने का साफ मतलब है कि ये राजनीति से प्रेरित है। मुझे अपने देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है।
क्या है चार्जशीट में
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आज पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दायर की। जिसमें इन तीन छात्रों के अलावा बाकी 7 कश्मीरी छात्र हैं। कहा जा रहा है कि इनके नाम चार्जशीट की कॉलम नंबर 11 में रखे गए हैं, जिसका मतलब है कि इनके खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। इसका ये भी मतलब है कि इन पर केस चल सकता है।
इसके साथ ही 36 अन्य लोगों के नाम भी चार्जशीट में हैं जो कॉलम नंबर 12 में दर्ज हैं। कॉलम नंबर 12 का मतलब है कि इनके खिलाफ सबूत तो नहीं मिले हैं लेकिन कोर्ट अपनी इच्छा से इन्हें समन भेज सकती है। इस कॉलम में डी राजा की बेटी अपराजिता और जेएनयू की पूर्व अध्यक्ष शहला राशिद का भी नाम है।
कोर्ट ने चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह, दंगा भड़काना, अवैध तरीके से जमा होना और साजिश रचने के आरोप लगाए हैं। इस चार्जशीट में कुल 46 लोग आरोपी बनाए गए हैं। 1200 पन्ने की इस चार्जशीट को फाइल करने में पुलिस ने तीन साल लगा दिए।
क्या हैं सबूत
गौरतलब है कि घटना के वीडियो सीबीआई ने सीएफएसएल में जांच के लिए भेजे थे और जो वीडियो पॉजिटिव पाए गए उन्हें ही सबूत के तौर पर पेश किया है। पुलिस ने चार्जशीट में गवाह के तौर पर जेएनयू प्रशासन, एबीवीपी के छात्र, सिक्योरिटी गार्ड, औऱ कुछ अन्य छात्रों को भी शामिल किया है।
गौरतलब है कि जेएनयू में 9 फरवरी 2016 को अफजल गुरु और मकबूल भट्ट के फांसी के विरोध में एक प्रोग्राम आयोजित किया गया था, जिसमें देश विरोधी नारे लगाने के आरोप हैं। पुलिस ने तब दिल्ली के वसंत कुंज थाने में कन्हैया कुमार, उमर खालिद, और अनिर्बन भट्टाचार्य के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया था। जिसके बाद सभी आरोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी थी।