Site icon Overlook

285 करोड़ की संपत्ति हड़पने के लिए मृत मां को कागजात में बताया जिंदा

 

माता-पिता की मौत दो कारोबारी भाइयों में संपत्ति को लेकर विवाद हो गया। एक भाई ने मृत मां को जिंदा दिखा दूसरे भाई की संपत्ति अपने नाम करा ली। आरोपी भाई पर फर्जी दस्तावेजों के जरिये 285 करोड़ की संपत्ति हड़पने का आरोप है। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज कर सोमवार देर शाम को मुंबई से आरोपी भाई व उसकी पत्नी और एक बेटे को गिरफ्तार कर लिया।.

दोनों भाइयों विजय गुप्ता और सुनील गुप्ता की मोमबत्ती बनाने की कंपनी है। कंपनी का एक कार्यालय मुंबई और एक कार्यालय नोएडा में है। इस कंपनी के डायरेक्टर दोनों भाइयों की माता कमलेश रानी गुप्ता और पिता केपी गुप्ता डायरेक्टर थे। सन 2011 में माता-पिता की मौत हो गई। मां ने तमाम संपत्ति की दोनों भाइयों के नाम मुंबई में बराबर-बराबर वसीयत कराई थी। दोनों भाइयों का संपत्ति की 48.17 प्रतिशत की शेयर होल्डिंग है। .

माता-पिता की मौत के बाद विजय ने सुनील से कंपनी के मुंबई के बैंक खातों को संयुक्त कराने को कहा। आरोप है कि सुनील ने चार्डर्ड अकाउंटेंट से मिलकर कंपनी की फर्जी बैलेंस शीट और ऑडिट रिपोर्ट बनवाई। 14 मार्च 2011 को सब रजिस्ट्रार कार्यालय में सुनील ने अपनी मृत मां को जिंदा बताते हुए घोषणपत्र दिया और आरोपी ने धोखाधड़ी कर बैंक बैलेंस, गहने, म्यूचुअल फंड, चल व अचल संपत्ति अपने व अपनी पत्नी राधा गुप्ता, पुत्र अभिषेक गुप्ता के नाम करा ली।

अंतिम संस्कार में शमिल दो व्यक्ति बने गवाह
सुनील ने रजिस्ट्रर कार्यालय में संपत्ति अपने नाम कराने के लिए अपनी मां को जीवित बताते हुए घोषणापत्र दिया। इस घोषणापत्र में दोनों गवाह सुनील की मां के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे।

पुलिस ने नहीं की मदद कोर्ट के आदेश पर गिरफ्तार
न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। एसएचओ मनोज पंत ने बताया कि सोमवार देर शाम को मुंबई से सुनील व उसकी पत्नी राधा गुप्ता और बेटे अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया गया।