4500 करोड़ का कारोबार फंसा, यूक्रेन में नहीं थमी जंग तो पानीपत के इस उद्योग पर पड़ेगा असर..

भारत में कई सौ करोड़ के कारोबार पर युद्ध का सीधा असर पड़ सकता है। इनमें में सबसे ज्यादा मार देश के हथकरघा और कपड़ा उद्योग हब पानीपत को भारी नुकसान होगा।पानीपत में उद्योगों के मालिक ने दावा किया है कि उनके पास कई यूरोपीय देशों और रूस से लगभग 4500 करोड़ रुपए के ऑर्डर हैं, अगर अगले कुछ दिनों तक लड़ाई जारी तो उसका सीधा असर उनके व्यापार पर पड़ेगा। पानीपत के डाईज एंड केमिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव मनचंदा ने कहा युद्ध का असर आयात पर पहले से ही देखा जा सकता है क्योंकि जर्मनी और तुर्की से आयात होने वाले कच्चे माल (डाई केमिकल्स) की कीमतों में पहले ही 10 से 35 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा चुकी है।

उन्होंने आगे कहा कि युद्ध के लंबे समय तक चलने के असर पड़ेंगे और कीमतें और बढ़ सकती है। उन्होंने सरकार से शिपमेंट शुल्क और आयात शुल्क में कुछ राहत देने की मांग की है। वहीं, पानीपत इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रीतम सिंह सचदेवा ने कहा, हम युद्धे के साइकोलॉजिकल प्रभाव को देख सकते हैं।

उन्होंने कहा कि प्रोडक्शन पहले से ही प्रभावित था लेकिन उद्योगपतियों को कुछ दिन और इंतजार करना होगा और अगर एक महीने तक यही स्थिति बनी रही तो उत्पादन बंद कर दिया जाएगा।

ड्रीम कलेक्शंस पानीपत के मनीष गर्ग ने कहा हां, औद्योगिक गतिविधियां कुछ हद तक पहले ही प्रभावित हो चुकी है। कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि निश्चित रूप से व्यापार को प्रभावित करेगी क्योंकि उद्योगपतियों के लिए पुरानी कीमत पर लंबित ऑर्डर देना मुश्किल होगा।’ उन्होंने आगे कहा कि इस युद्ध का सबसे ज्यादा असर कच्चे तेल पर पड़ेगा और इससे व्यापार और परिवहन प्रभावित होगा।