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नोटों के बंडलों को दीमक से बचाने के लिए लगाया था अपना ‘केमिकल ज्ञान’ पीयूष जैन?

पीयूष जैन ने 197 करोड़ रुपये की काली कमाई को सहेज कर रखने के लिए अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल किया। पीयूष के आनंदपुरी और कन्नौज के घरों की अलमारियों, बंकरों और बोरों के अंदर 197 करोड़ रुपए मिले। दीमक और कीड़े मकोड़े नोटों के सबसे बड़े दुश्मन हैं और चट करने में माहिर हैं। पीयूष ने दौलत के भंडार को सुरक्षित रखने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया।

डीजीजीआई ने पीयूष जैन से सवाल किया, नोटों के बंडलों की इतनी अच्छी पैकिंग और रैपिंग कौन करता है? पाली पैकिंग का राज क्या है? जिस तरह से नोटों के बंडलों को छुपा कर रखा गया था, उससे क्या कीड़े लगने की फिक्र नहीं हुई?

पीयूष के आनंदपुरी और कन्नौज के घरों की अलमारियों, बंकरों और बोरों के अंदर 197 करोड़ रुपए मिले। दीमक और कीड़े मकोड़े नोटों के सबसे बड़े दुश्मन हैं और चट करने में माहिर हैं। पीयूष ने दौलत के भंडार को सुरक्षित रखने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया।

डीजीजीआई ने पीयूष जैन से सवाल किया, नोटों के बंडलों की इतनी अच्छी पैकिंग और रैपिंग कौन करता है? पाली पैकिंग का राज क्या है? जिस तरह से नोटों के बंडलों को छुपा कर रखा गया था, उससे क्या कीड़े लगने की फिक्र नहीं हुई?