धर्मसभा में स्वामी रामभद्राचार्य बोले, 11 दिसंबर के बाद मंदिर को लेकर बड़ा एलान करेगी मोदी सरकार

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित की गई सभा समाप्त हो गई। धर्मसभा में विहिप द्वारा करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया गया। रविवार को राम की नगरी में आयोजित धर्मसभा के लिए सुबह से ही रामभक्तों का तांता लगा रहा।  प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। मगर रामभक्तों का रेला उमड़ा तो पूरी अयोध्या उनके कब्जे में आ गई।

धर्मसभा को संबोधित करते हुए तुलसी पीठाधीश्वर चित्रकूट रामभद्राचार्य ने रामभक्तों को भरोसा दिलाया कि अयोध्या में राममंदिर का निर्माण भाजपा ही करवाएगी। उन्होंने कहा कि मेरी अभी कुछ दिनों पहले ही केंद्र सरकार के एक बड़े व प्रभावशाली मंत्री से बात हुई। उन्होंने मुझसे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 दिसंबर के पहले ही अयोध्या मुद्दे पर कुछ करने वाले थे पर पांच राज्यों में चुनाव होने के कारण ऐसा नहीं हो सका। मंत्री ने मुझे भरोसा दिलाया कि 11 दिसंबर के बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ चर्चा करते हुए राममंदिर कोई बड़ा निर्णय लिया जाएगा। रामभद्राचार्य ने कहा कि रामभक्तों को भाजपा की सरकार पर भरोसा रखना चाहिए। भाजपा की सरकार ही अयोध्या में जल्द राममंदिर बनवाएगी।

उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर को बाद सरकार राममंदिर पर कोई बड़ा एलान करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्य प्रदेश में राम मंदिर पर दिए गए बयान के बाद इसके निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने कांग्रेस पर मंदिर निर्माण में अड़चन डालने का आरोप लगाया।

वहीं, विश्व हिंदू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि जमीन के बंटवारे का फार्मूला नहीं मानेंगें। हमें पूरी जमीन चाहिए बंटवारा नहीं। सुन्नी वक्फ बोर्ड अपना जमीन पर दावा वापस ले ले।

देश का विकास तभी होगा जब राममंदिर बनेगा, हमारे सब्र का इम्तिहान न लिया जाए। इस बयान पर रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद के पक्षकारों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्षकारों ने साफ कहा है कि किस हैसियत से विश्व हिंदू परिषद जमीन मांग रहा है। वह कोर्ट में न पक्षकार है न ही सरकार है। जमीन चाहिए तो सुप्रीम कोर्ट से मांगें।