लखनऊ। विवेक तिवारी हत्याकांड की जांच में एसआइटी अंतिम पड़ाव पर है। सूत्रों के मुताबिक पड़ताल में दूसरे आरोपित बर्खास्त सिपाही संदीप कुमार की वारदात में संलिप्तता सीधे तौर पर नहीं आई है। एसआइटी संदीप को क्लीन चिट देने की तैयारी में है। हालांकि इस बारे में उच्चाधिकारी कुछ भी स्पष्ट नहीं बता रहे हैं। साक्ष्य संकलन और सना के बयान से यह बात स्पष्ट हुई है कि संदीप बाइक पर पीछे बैठा था। प्रशांत के विवेक की कार के पास पहुंचने पर वह गाड़ी से उतरा था। संदीप ने प्रशांत को गोली मारने अथवा फायङ्क्षरग के लिए उकसाया नहीं था। यही नहीं संदीप और प्रशांत पहली बार एक साथ ड्यूटी भी कर रहे थे।
प्रशांत के बयान से भी एसआइटी को तमाम जानकारियां मिली हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि एसआइटी संदीप को हत्या के आरोप से क्लीन चिट दे सकती है। उधर, प्रशांत, संदीप और सना के बयानों, फॉरेंसिक विशेषज्ञों की राय और घटना के रीक्रिएशन से मिले साक्ष्य की पड़ताल के बाद एसआइटी मंथन कर रही है। सूत्रों का कहना है कि प्रशांत ने किन परिस्थितियों में गोली मारी, इसका आंकलन कर वरिष्ठ अधिकारियों से मंथन किया जा रहा है। अफसर हत्या और गैर इरादतन हत्या में आख्या देने को लेकर संशय में हैं।
रिपोर्ट सार्वजनिक करने में देरी क्यों
बहुचर्चित विवेक तिवारी हत्याकांड ने यूपी पुलिस की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया था। सीएम ने खुद मामले का संज्ञान लेकर त्वरित कार्रवाई और जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके एसआइटी जांच की बात कहकर टालमटोल कर रही है। अधिकारी रिपोर्ट तैयार कर उसे सार्वजनिक करने से कतरा रहे हैं, जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं।