नई दिल्ली। इस वर्ष सर्दी ने जल्द दस्तक दे दी है। ऐसे में, लोगों के मन में कई तरह के सवाल उभर रहे हैं। जैसे, इस बार अक्टूबर में ही सर्दी कैसे शुरू हो गई, इसका असर क्या होगा आदि। इन्हीं सारे सवालों को लेकर दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता संजीव गुप्ता ने मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. केजे रमेश से लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश।
1. क्या इस साल सर्दी ने काफी पहले दस्तक दे दी?
– यह सही है कि इस साल सर्दी ने जल्द दस्तक दे दी है। वजह, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बर्फबारी का होना है। बर्फबारी के कारण दिल्ली की ओर आने वाली हवा में भी ठंडक आती है। पश्चिमी विक्षोभ की पहुंच भी इस साल सिर्फ पहाड़ों तक न रहकर मैदानी इलाकों तक है। इस कारण ठंड जल्द आ गई और ज्यादा महसूस हो रही है।
2. कैसा रहेगा इस बार ठंड का मौसम? और कब तक सर्दी रहने का अनुमान है?
– सर्दी तो इस साल अच्छी ही रहेगी। इस समय भी तापमान सामान्य से कम चल रहा है। हालांकि इसके बाद भी ऐसा नहीं लगता कि पिछले वर्षों के रिकॉर्ड टूटेंगे। हां, सर्दी का असर फरवरी तक तो बना ही रहेगा।
3. क्या वजह है कि मौसम का स्वरूप बदलता जा रहा है। न सर्दी में उतनी सर्दी रह गई है, न गर्मी में उतनी गर्मी?
– देखिए, गर्मी तो साल दर साल बढ़ रही है। हां, सर्दी कुछ कम जरूर होती जा रही है। यह सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन का असर है। विश्व स्तर पर तापमान में भी वृद्धि हो रही है।
4. दिल्ली का अपना कोई मौसम नहीं है क्या?
– नहीं। दिल्ली देश के उत्तर में है। इसकी भौगोलिक स्थिति कुछ इस तरह है कि यहां का अपना कोई मौसम नहीं है। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से ही यहां का मौसम तय होता है। उधर बर्फ पड़ जाए तो यहां सर्दी बढ़ जाती है। इसी तरह राजस्थान में गर्म हवा चल पड़े तो यहां गर्मी बढ़ जाती है।
5. इस बार कोहरे की क्या स्थिति रहेगी?
– कोहरे के विषय में अभी से कुछ कहना मुश्किल है। इसका पूर्वानुमान पांच दिन पहले ही लगाया जाता है। कोहरा भी कई तरह का होता है। ओस की बूंदों वाला कोहरा फसलों के लिए अच्छा होता है। यह सूरज के निकलते ही साफ हो जाता है। एक कोहरा, दृश्यता से जुड़ा होता है जो तेज हवा के चलते ही छंट जाता है। इस बार भी कोहरा पड़ेगा। उससे निपटने के लिए हमारी पूरी तैयारी है।