प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांपला रैली से हरियाणा में भाजपा के लिए माहौल बना दिया

सांपला (रोहतक)। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हरियाणा पर खास निगाह है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ में सफल रैली के जरिये मोदी ने जहां कार्यकर्ताओं में जोश भरा, वहीं जाटलैंड में जाटों को अपनेपन का अहसास कराने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दिया। तीन बार आरक्षण आंदोलन का दंश झेल चुके हरियाणा से मोदी ने मिशन 2019 की हुंकार भरते हुए पांच राज्यों में होने वाले चुनावों में भाजपा की सरकार बनने के संकेत दिए हैं।

मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद मोदी पहली बार हरियाणा आए थे। केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह के नाना दीनबंधु सर छोटू राम की 64 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के बहाने प्रधानमंत्री पूरे प्रदेश में भाजपा के लिए माहौल बनाकर चले गए। यही काम भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने तीन दिन के रोहतक प्रवास के दौरान किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से जाटों व गैर जाटों के बीच संतुलन साधते हुए भाषण दिया, उसके मद्देनजर माना जा रहा कि पार्टी को गैर जाटों के साथ-साथ जाट मतों की भी पूरी आस है। प्रधानमंत्री ने इशारों ही इशारों में पूर्व सरकारों पर निशाना साधते हुए बताया कि कैसे तब गरीब, मजदूरों और किसानों की सुनवाई नहीं होती थी।

हरियाणा में दस लोकसभा सीटें हैं। इनमें से सात सीटों पर भाजपा का कब्जा है और तीन लोकसभा सीटों में से दो इनेलो व एक कांग्रेस के पास है। हिसार से इनेलो संसदीय दल के नेता दुष्यंत चौटाला प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि सिरसा सुरक्षित लोकसभा सीट से इनेलो के चरण जीत सिंह रोड़ी और रोहतक संसदीय सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुत्र दीपेंद्र हुड्डा दूसरी बार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भाजपा की निगाह इन तीनों लोकसभा सीटों पर तो है ही, साथ ही पूर्व में जीती हुई सातों लोकसभा सीटों को भी पार्टी हर साल में जीतना चाहती है।

 

भाजपा के कुरुक्षेत्र के मौजूदा सांसद राजकुमार सैनी अपनी अलग पार्टी बना चुके हैं, जबकि भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद धर्मवीर इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं।  ऐसे में पार्टी को यहां दो नए चेहरे उतारने होंगे। बाकी बची पांच लोकसभा सीटों में से भी दो से तीन पर टिकट बदली जा सकती है। हरियाणा चूंकि दिल्ली के नजदीक है, इसलिए दिल्ली व हरियाणा की राजनीतिक गतिविधियां एक दूसरे पर काफी असर डालती हैं।

हरियाणा में लंबे अरसे बाद यह पहला मौका है, जब गैर जाट और वह भी पंजाबी मुख्यमंत्री के रूप में मनोहर लाल सूबे को मिले हैं। भाजपा को स्पष्ट लग रहा है कि यदि उसे केंद्र व राज्य सरकार इस बार भी अपनी सरकार बनानी है तो बिना जाटों के काम नहीं चलने वाला है। ऐसे में मोदी का दौर पार्टी व सरकार दोनों के लिए मददगार साबित हो सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाट लैंड से जिस सफाई के साथ गैर जाटों की वकालत की, उसी सफाई के साथ जाटों को भी गले लगाने से गुरेज नहीं किया। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह पर भरोसा जताया है। इस रैली के जरिये बीरेंद्र सिंह और हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ का राजनीतिक कद भी बढ़ा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिस तरह से रैली के लिए मेहनत की, इससे उनकी प्रतिष्ठा में इजाफा हुआ।

दरअसल, मोदी हरियाणा के चप्पे-चप्पे और यहां के राजनीतिक मिजाज से पूरी तरह वाकिफ हैं। मोदी हरियाणा भाजपा के प्रभारी रह चुके हैं। उनके बूथ मैनेजमेंट को आज भी याद किया जाता है। सरकार के कामकाज की तारीफ कर मोदी ने जहां मनोहर को पूरे नंबर दिए, वहीं कार्यकर्ताओं में जोश भरकर उन्हें अगले चुनाव के लिए रिचार्ज कर दिया है।

हुड्डा-चौटाला पर सीधा हमला किए बिना जाटों को लुभाया

हरियाणा में कई बार आ चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे पर दीन बंधु सर छोटू राम टॉप पर हैं। उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल और डॉ. भीम राव आंबेडकर से चौधरी छोटू राम की तुलना करते हुए सांपला में खुलकर जाट कार्ड खेला।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली के मंच से न तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कोई सीधा हमला बोला और न ही इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के बारे में कुछ कहा। हुड्डा और चौटाला दोनों जाटों की राजनीति करते हैं। माना जा रहा था कि पीएम मोदी दोनों नेताओं की खुलकर घेराबंदी करेंगे। मगर उन्होंने हुड्डा या चौटाला पर राजनीतिक वार करने की बजाय केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह के नाना दीन बंधु छोटू राम को टॉप एजेंडे पर रखा।

प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह से एक के बाद एक किस्से दीन बंधु के बारे में सुनाए, वह उनसे जुड़े वर्ग विशेष को लुभाने की किसी कोशिश से कम नहीं थे। मोदी ऐसे समय पर हरियाणा के दौरे पर आए हैं जब पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और लोकसभा चुनाव सिर पर हैं। हरियाणा की मनोहर सरकार हालांकि विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में होने का दावा कर रही है। मगर मोदी ने जिस तरह से जाट लैंड से मिशन 2019 की शुरुआत की है, उससे माना जा रहा कि अगली बार भी सत्ता में आने के लिए पार्टी कोई कोर कसर बाकी नहीं छोडऩा चाहती।

हरियाणा की रोहतक, हिसार और सिरसा लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां पिछले संसदीय चुनाव में भाजपा का चुनावी रथ थम गया था। रोहतक संसदीय क्षेत्र में दस विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। यहां पर भाजपा का विजय मिशन थम गया था। इसे मोदी यहीं से नई दिशा देते नजर आए।

एजेंडे में टॉप पर किसान, खिलाड़ी और जवान भी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे पर हरियाणा के किसान, खिलाड़ी और सैनिक भी टॉप पर हैं। उन्होंने हरियाणा के अन्न उत्पादक किसानों की दिल खोलकर तारीफ करने के साथ ही सेना में सेवाएं दे रहे जवानों और देश के लिए धड़ाधड़ पदक ला रहे खिलाडिय़ों की भी पीठ थपथपाई।

मोदी और चौटाला के बाद अब हुड्डा की बारी

चुनावी बेला नजदीक आने से मचे सियासी घमासान में अब शक्ति प्रदर्शन की बारी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की है। प्रधानमंत्री मोदी की रैली के जरिये जहां भाजपा ने सांपला में शक्ति प्रदर्शन किया, वहीं इनेलो भी सोनीपत के गोहाना में स्व. पूर्व उपप्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल की जयंती के बहाने अपनी ताकत दिखा चुका है। अब सभी की नजरें जनक्रांति रथ यात्राएं निकाल रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा पर टिकी हैं। वह दिसंबर में जींद या फिर रोहतक में प्रदेश स्तरीय रैली करेंगे।