लखनऊ। लोकसभा चुनाव की तैयारी में युद्ध स्तर पर जुटी भाजपा अब संगठन और सरकार के लंबित कार्यों को गति देगी। नवरात्र से कई महत्वपूर्ण बदलावों के संकेत मिले हैं। इस बीच योगी मंत्रिमंडल में भी फेरबदल की संभावना बढ़ी है। पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश के नेताओं की व्यस्तता बढऩी है। संभव है कि इसके पहले ही मंत्रिमंडल में फेरबदल हो। इस बार पिछड़े और अनुसूचित जाति की संख्या बढ़ेगी लेकिन, कुछ सवर्ण विधायकों को भी मौका मिलने की उम्मीद है।
मंत्रिमंडल विस्तार की अरसे से प्रतीक्षा हो रही है। कोर ग्रुप से लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की बैठकों में इस पर चर्चा जरूर हुई लेकिन, किसी न किसी वजह से यह मामला टलता गया। 2019 के लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत भाजपा कुछ खास चेहरों को आगे करना चाहती है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की अगुवाई में अगस्त और सितंबर में पिछड़ी जातियों का सिलसिलेवार सम्मेलन हुआ। इन सम्मेलन में गुर्जर समाज की यह पीड़ा उभरी कि प्रदेश सरकार में उनका कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
मंत्री पद के लिए गुर्जर समाज से एमएलसी अशोक कटारिया, एमएलए तेजपाल नागर, अवतार सिंह भड़ाना का नाम प्रमुख है। जाटों में भी कई मामलों को लेकर नाराजगी बढ़ी है। पश्चिम में चौधरी अजित सिंह को घेरने के लिए जाट विधायकों में रालोद छोड़कर आये सहेंद्र रमाला और योगेश धामा समेत कई नाम चर्चा में हैं। पिछड़ों में प्रजापति, यादव, निषाद और कश्यप समाज से भी मौका मिल सकता है।
अनुसूचित जाति के कोटे में एमएलसी विद्यासागर सोनकर का नाम सबसे आगे है। दिनेश खटिक, दल बहादुर, श्रीराम चौहान, विजयपाल में भी किसी को मौका मिल सकता है। सवर्ण विधायकों में विजय बहादुर पाठक और यशवंत सिंह समेत कई नाम चर्चा में हैं।
कई मंत्रियों की हो सकती प्रोन्नति
योगी सरकार में स्वतंत्र प्रभार के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, डॉ. महेंद्र सिंह की प्रोन्नति कर उन्हें कैबिनेट बनाया जा सकता है। कुछ के विभाग भी बदले जा सकते हैं। कई मंत्रियों की शिकायत है। ऐसे लोगों को अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण विभाग दिए जा सकते हैं।