Site icon Overlook

उत्तराखंड के लिए अगले 72 घंटे बेहद संवेदनशील, बादल फटने की आशंका

देहरादून: उत्तराखंड में उफनते नदी-नालों ने ग्रामीणों की राह मुश्किल कर दी है। प्रदेश में करीब पांच सौ से ज्यादा गांव जिला मुख्यालय से कट चुके हैं। 115 से ज्यादा सड़कों पर आवागमन बाधित है। इस बीच मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड के लिए अगले 72 घंटे संवेदनशील हैं। शनिवार को प्रदेश में भारी बारिश के आसार बन रहे हैं। विभाग ने बादल फटने की आशंका भी जताई है। मौसम के तेवरों को देखते हुए शासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को अलर्ट पर रखा है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग और सीमा सड़क संगठन को भी हालात के अनुसार तैयार रहने को कहा गया है। शासन ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए है कि पर्यटकों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में न भेजा जाए।

बीते दो दिन से देहरादून जिले में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। शुक्रवार तड़के करीब ढाई बजे सौंग नदी उफान पर आ गई और पानी तटबंध तोड़ते हुए गांवों में घुस गया। गौहरी माफी के  पूर्व प्रधान संजय पोखरियाल ने आपदा कंट्रोल रूम को फोन पर सूचना दी। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। हालांकि तीन घंटे बाद जलस्तर सामान्य हो गया। दूसरी ओर पर्वतीय इलाकों में भी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्गों पर मलबा आने से यातायात दिन भर बाधित होता रहा।

कुमाऊं में स्थिति गढ़वाल जैसी ही है। गुरुवार की रात पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी और डीडीहाट तहसील में भारी बारशि हुई। काली और गोरी नदियों का  जलस्तर में बढ़ा है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि शनिवार को मौसम संवेदनशील हो सकता है। इसके अलावा रविवार को सोमवार को भी मौसम के तेवर तल्ख रहेंगे।

लगातार बारिश से सहमा दून 

मानसून की मूसलाधार बारिश से शहर और आसपास के इलाकों में जनजीवन ठप हो गया है। शुक्रवार दोपहर बाद से लगातार पांच घंटे की भारी बारिश की वजह से जगह-जगह जलभराव हो गया। रिस्पना और बिंदाल नदी के अलावा शहर में नाले भी उफान पर हैं। वहीं कई क्षेत्रों में पेयजल लाइन भी बह गई हैं। देर रात तक जारी बारिश को देखते हुए नदी किनारे बसी बस्तियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। शासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को भी अलर्ट पर रखा है।

शहर में सुबह से आसमान में घने बादल छाए हुए थे। दोपहर करीब ढाई बजे हल्की बारिश शुरू हुई और तीन बजे बारिश तेज हो गई। इसके बाद करीब पांच घंटे लगातार मूसलाधार बारिश के कारण शहर में जगह-जगह जलभराव हो गया। जिससे वाहनों की रफ्तार ठहर गई। आइएसबीटी फ्लाईओवर के नीचे अत्यधिक जलभराव से छोटे वाहनों को निकलने में भारी दिक्कतें हुईं। शुक्रवार को शहर का अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री नीचे 28.9 सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22.6 सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं सौंग नदी में आए उफान से समीप के गांवों खदरी खड्गमाफ और गौहरीमाफी में घरों में मलबा और पानी घुस गया।

दीपलोक कॉलोनी में भवन क्षतिग्रस्त 

बल्लूपुर रोड स्थित दीपलोक कॉलोनी में एक मकान क्षतिग्रस्त हो गया। भवन मालिक नरोत्तम प्रसाद जगूड़ी ने बताया कि गुरुवार रात भारी बारिश के दौरान नाले के पानी से सुरक्षा दीवार ढह गई। मकान की एक तरफ की बुनियाद भी नाले की चपेट में आ गई है, जिससे नाले का पानी कमरों में घुस गया है। अब मकान पूरी तरह खतरे की जद में है। उधर, बीजापुर गेस्ट हाउस से कुछ आगे गलज्वाड़ी गांव में भी बारिश ने भारी तबाही मचाई। वहीं लाडपुर क्षेत्र में तेज बारिश से बांदल जलस्रोत से जलापूर्ति करने वाली 18 इंच की करीब 150 किमी पेयजल लाइन भी नाले में बह गई।

पांच घंटे में 142.3 मिमी बारिश 

दून और आसपास के क्षेत्रों में दोपहर बाद तीन बजे से रात नौ बजे के बीच 142.3 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। देर रात तक बारिश जारी थी।

इन इलाकों में हुआ जलभराव

ट्रांसपोर्टनगर, पंडितबाड़ी, शिमला बाईपास, बड़ोवाला, आइएसबीटी, कारगी चौक, बंजारावाला, हरिद्वार बाईपास, धर्मपुर कॉलोनी की गली, त्यागी रोड, ईसी रोड, टर्नर रोड, प्रिंस चौक से सहारनपुर चौक, खुड़बुड़ा मोहल्ला, करनपुर चौक के सामने की गली, भंडारी बाग, गोविंदगढ़ मोहल्ला, अनुराग नर्सरी से आगे वसंत विहार रोड, बल्लूपुर चौक, राजपुर रोड, जाखन, चकराता रोड, एस्लेहॉल आदि।

अगले 48 घंटे पड़ सकते हैं भारी राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक आने वाले 48 घंटों में देहरादून समेत गढ़वाल मंडल के पांच जिलों पौड़ी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग एवं कुमाऊं मंडल के तीन जिले नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। उन्होंने चेतावनी जारी करते हुए इन आठ जिलों को अलर्ट पर रहने की सलाह दी है। विशेषकर स्कूलों में अतिरिक्त सुरक्षा बरतने को कहा गया है।

आइटी पार्क में नाला उफान पर

सहस्रधारा रोड स्थित आइटी पार्क के आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश से नाले में उफान आ गया। जिससे पानी लोगों के घरों के अंदर घुस गया। पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष मनोज कुमार कुकरेती ने बताया कि जहां सिडकुल का भवन है, वहां कुछ समय पहले तक नाला बहता था। नाले के ऊपर भवन बनाने से बारिश का पानी सिडकुल कैंपस से होते हुए सड़क पर फैल रहा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत इस सरकारी भवन के खिलाफ की उचित कार्रवाई होनी चाहिए।

पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने से आपूर्ति ठप

दून में मूसलाधार बारिश के कारण कई क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई है। शुक्रवार सुबह हुई तेज बारिश के चलते लाडपुर में निर्माणाधीन पुल के पास सड़क का पुश्ता ढहने से जल संस्थान की पेयजल लाइन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। जिससे बांदल जलस्रोत से होने वाली जलापूर्ति बड़े स्तर पर बाधित हो गई है। उधर, जल संस्थान की ओर से क्षतिग्रस्त लाइन का काम शुरू कर दिया गया है, लेकिन बारिश के चलते इसमें दो दिन का समय लगने की संभावना जताई जा रही है।

जल संस्थान की महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग ने बताया कि तेज बारिश से 18 इंच की करीब 150 किमी लाइन नाले में बह गई। जिससे शहर के प्रमुख क्षेत्रों ओल्ड सर्वे रोड, मानसिंह वाला, बकरालवाला, सुभाष रोड, विजय कॉलोनी, राजपुर रोड आदि इलाकों की जलापूर्ति बाधित हो गई। इससे करीब 15 हजार से भी ज्यादा की आबादी को दो दिन तक पानी का संकट झेलना पड़ सकता है। कुछ प्रभावित इलाकों में मासी फॉल से आपूर्ति की जा रही है। महाप्रबंधक ने बताया कि बारिश के चलते इसमें दो दिन का समय लगना संभावित है। जल्द से जल्द समस्या को दूर कर आपूर्ति सुचारू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है। बताया कि प्रभावित इलाकों में जल संस्थान की ओर से टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जाएगी।