माघ मेले में स्नान के लिए RTPCR अनिवार्य, जानिए कोविड प्रोटोकाल

प्रयागराज समेत सूबे के अलग-अलग जिलों में लगने वाले माघ मेला में स्नान से पूर्व कोविड जांच जरूरी है। आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव वाले श्रद्धालु ही स्नान कर सकेंगे। इस बार माघ मेले में कोविड प्रोटोकाल का पालन कराया जाएगा।उन्होंने बताया कि मेले में कोविड जांच के इंतजाम रहेंगे। श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संतों को मेले में प्रवेश के लिए 48 घंटे के अंदर की निगेटिव आरटीपीसीआर की रिपोर्ट लानी होगी। मेले में आने वाले कल्पवासियों का डेटाबेस भी तैयार किया जाएगा। 15-15 दिनों में दो बार रैपिड एंटीजेन किट से हर कल्पवासी की कोविड जांच भी कराई जाएगी। इसके अलावा शिविर में अगर एक भी श्रद्धालुओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो सभी लोगों को 15 दिन के लिए आइसोलेट भी किया जाएगा। 

फरवरी में मिलेगी जीनोम सिक्वेंसिंग की मशीन

उन्होंने कहा कि इस वक्त रोजाना दो लाख कोरोना जांच कराई जा रही है। कोरोना के 10 प्रतिशत केस में जीनोम स‌िक्वेसिंग की जांच कराई जा रही है। इसे और बढ़ाया जाएगा। नोएडा और गोरखपुर में जीनोम सिक्व‌ेसिंग के लिए मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। यहां फरवरी तक मशीन मिल जाएगी। इसके बाद से पूर्वांचल में जीनोम सिक्वेसिंग के लिए बड़ा केंद्र गोरखपुर बन जाएगा। कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन का लक्षण भी पुराने वेरिएंट की तरह ही है। लेकिन, ओमीक्रॉन की संक्रमण दर काफी तेज है। कोविड से पहली मौत की सूचना मेरठ के डॉक्टर की मिली है।