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‘वर्दी बदलने से बढ़ेगा खर्च और महकमे में भेदभाव’

up police

यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर, दरोगा और सिपाहियों की वर्दी बदलने के प्रस्ताव पर पुलिसकर्मियों में रोष है। पुलिसकर्मी केवल अराजपत्रित अधिकारियों की वर्दी बदले जाने से नाराज हैं। नाम न छापने की शर्त पर कई पुलिस अधिकारी और सिपाहियों ने बताया कि वर्दी बदले जाने से खर्च बढ़ेगा। साथ ही इससे भेदभाव भी बढ़ेगा।

उनका कहना है कि यदि वर्दी बदली जा रही है तो यह केवल इंस्पेक्टर, दरोगा और सिपाहियों पर ही लागू नहीं की जाए बल्कि राजपत्रित अधिकारियों की भी वर्दी बदली जाए। इसको लेकर पुलिसकर्मियों के बने विभिन्न व्हाट्सऐप ग्रुपों पर मैसेज भी चल रहा है। वहीं पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री को पत्र लिखने की भी योजना बना रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि नई वर्दी लागू होने के बाद कई अराजपत्रित अधिकारी कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रहे हैं।

ये बदलाव है प्रस्तावित

नए बदलाव के तहत वर्दी की पाकेट के स्थान पर गोलाकार कोने वाली पॉकेट होगी। वहीं पाकेट में टिंच बटन हटा दिया जाएगा और बिना बटन के रखा जाएगा। कंधे पर लगने वाले स्टार को कढ़ाई करके सिलाना होगा। वहीं बाजू पर लगने वाला मोनोग्राम भी सिला जायेगा। इसके साथ ही वर्दी की पैंट में प्रचलित बक्कल के स्थान पर सामान्य पैंट में प्रयोग किये जाने वाले बक्कल का इस्तेमाल करना होगा। बेल्ट के बक्कल पर यूपी पुलिस का मोनोग्राम रहेगा। वहीं जूते से मिलते हुए भूरे रंग की बेल्ट पहननी होगी। बेल्ट की चौड़ाई 1.5 इंच की होगी। इसके अलावा वर्दी के रंग में भी थोड़ा बदलाव होने की संभावना है।

फोर्स के गठन से ही चलन में है वर्दी

एक पुलिसकर्मी ने बताया कि वर्तमान में जो वर्दी चलन में है वह पुलिस फोर्स के गठन के समय से ही है। आजादी से पहले हाफ पैंट और फुल शर्ट हुआ करता था। फोर्स गठन के समय पैंट को फुल कर दिया गया। इसके अलावा वर्दी के डिजाइन में कोई परिवर्तन नहीं किया गया।

वर्दी के लिए मिल रहा है 2250 रुपए भत्ता

पुलिसकर्मियों को वर्दी बनवाने के लिए कुछ महीने पहले तक 18 सौ रुपए ही दिए जाते थे। नई सरकार ने वर्दी भत्ते को बढ़ाया और 2250 रुपए किया। इसके बावजूद इस कीमत में एक भी वर्दी नहीं बन पाती है।