श्रीराम अक्रूर प्रभु ने राम कथा के माध्यम से बताया कि त्रेता युग के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुन: स्थापना करने के लिए भगवान ने मृत्यु लोक में श्रीराम के रूप में अवतार लिया। श्री सीता-राम के संपूर्ण चरित्र में हमें व्यक्तिगत कर्तव्य एवं सामाजिक जिम्मेदारियों को संयम से निभाने की प्रेरणा मिलती है। श्रीराम अक्रूर प्रभु ने रामायण से उदाहरण देकर बताया कि हमें धर्म एवं धार्मिक जीवन यापन किस प्रकार करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि शास्त्रों में बताया गया है कि श्री राम के चरित्र के अनुगमन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं एंव केवल राम नाम का जाप करने मात्र से सभी पापों का नाश हो जाता है। कार्यक्रम के अंत में भोग लगाकर सभी को प्रसाद वितरण किया गया। राम मनोहर, श्रीकृष्ण बंधु, नरेश शर्मा, योगेश चावला, कपिल गुप्ता, अशोक शर्मा, सौरभ, राजा जुनेजा, अनिल शर्मा आदि का सहयोग रहा।