सुप्रीम कोर्ट-पटाखों की बिक्री पर रोक नहीं, लेकिन कुछ शर्तें रहेंगी लागू

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पटाखों की बिक्री पर सुनवाई करते हुए साफ कर दिया है कि इस पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। हालांकि, कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि कुछ शर्तें उन पर लगी रहेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे पटाखों के उत्पादन और बिक्री की इजाजत दी है जिससे कम प्रदूषण होता हो।

कोर्ट ने कहा कि ऑनलाइन पटाखों की बिक्री पर रोक लगी रहेगी। साथ ही, ई-कॉमर्स की साइट पर इसे बेचने की इजाजत नहीं होगी। इसके साथ ही, कोर्ट ने कहा कि पटाखा बनाने वाली फैक्ट्रियों की जांच की जाएगी। कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि दिवाली और अन्य त्योहार पर रात आठ बजे से लेकर 10 बजे तक पटाखा चला सकते हैं।

पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर लगी रहेगी रोक

जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले में अपना फैसला सुनाया। वायु प्रदूषण को देखते हुए पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी। लेकिन इसके बाद कोर्ट ने कुछ अवधि के लिए सशर्त पटाखों की बिक्री को खोल दिया था क्योंकि व्यापारियों का कहना था कि उन्होंने स्टाक खरीद लिखा है उसे कहां ले जाएं।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखों की बिक्री पर सोमवार को फैसला सुनाया जाना था, लेकिन यह फैसला मंगलवार तक के लिए टाल दिया गया। दिल्ली-एनसीआर में ही करोड़ों का पटाखों का कारोबार दिवाली पर होता है।

पटाखा विक्रेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी गुहार
पटाखा बिक्री पर रोक न लगे, इसके लिए पटाखा उत्पादक और विक्रेता भी सुप्रीम कोर्ट गए हुए थे। उन्होंने कोर्ट से कहा है कि पिछले साल दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री रोक लगा दी गई थी। इससे लाखों लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ, लेकिन प्रदूषण के लिए पटाखों से ज्यादा कई अन्य चीजें जिम्मेदार हैं। इस मामले में सोमवार को फैसला सुनाया जाना था, जिसका इंतजार पटाखा उत्पादक और विक्रेता बेसब्री से कर रहे थे, लेकिन यह इंतजार अब एक दिन के लिए और बढ़ गया है।

पटाखा डीलर एसोसिएशन के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सचिव अतुल चौकड़ायत ने कहा कि इस मामले में सोमवार को न्यायालय ने फैसला सुनाने से इंकार करते हुए अब फैसले के लिए मंगलवार की तारीख लगाई है। मंगलवार को ही न्यायालय का फैसला आएगा। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि हालांकि अभी तक पटाखों की बिक्री पर न्यायालय ने कोई रोक नहीं लगाई है और जो लाइसेंसधारक हैं वह पटाखों की बिक्री कर सकते हैं। लेकिन कहीं दोबारा न्यायालय के आदेश से बिक्री को रोक न दिया जाए, इस डर से अधिकांश डीलरों ने अभी तक पटाखों का स्टॉक नहीं किया है और न ही अभी तक इनकी बिक्री प्रारंभ हो सकी है, जबकि दो साल पहले तक इस समय तक काफी व्यापार हो जाता था।