
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने जनता दरबार में लोगों से मिलने की कवायद लगभग पांच साल बाद फिर से शुरू कर दी है। वे हर सोमवार को लोगों से मिलकर उनकी शिकायतें और समस्याएं सुनते हैं। इससे लोगों को काफी उम्मीद बंध रही है। कई लोगों का वर्षों से फंसा काम तो मुख्यमंत्री तक पहुंचने के पहले ही पूरा हो जा रहा है। गत सोमवार को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में एक अजीब शिकायत आई, जिसे सुनकर खुद नीतीश कुमार भी चौंक गए। एक युवक ने सीधे मुख्यमंत्री से बात करते हुए कह दिया कि उसे नौकरी नहीं मिलने के लिए और कोई नहीं बल्कि सीएम ही जिम्मेदार हैं। उसका कहना है कि विभाग के अफसर हमेशा कहते हैं कि सीएम ही नहीं चाहते हैं कि बहाली हो।
आवेदक ने कहा कि शारीरिक शिक्षक और स्वास्थ्य अनुदेशक के पद पर मिडिल स्कूलों में बहाली होनी है। लेकिन यह प्रक्रिया आज तक नहीं हुई है। इसको लेकर जब शिक्षा विभाग से पूछा जाता है तो वे कहते हैं कि मुख्यमंत्री ही नहीं चाहते तो हम क्या करें। मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने आवेदक से विस्तार से जानकारी ली।