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ममता शर्मसार: जानवरों का निवाला बनने से बाल-बाल बच गयी नवजात बच्ची, मां ने फेंक दिया था खेत में

मुजफ्फरपुर में एक नवजात बच्ची कुत्ते का निवाला बनने से बाल-बाल बच गई। इस घटना ने एक और जहां मां की ममता को शर्मसार कर दिया है तो दूसरी ओर एक युवक के इंसानियत की चारों ओर प्रशंसा हो रही है। दिल दहला देने वाली यह घटना फकुली ओपी क्षेत्र के रजला गांव की है।

मछली पकड़ने निकले युवक ने बच्ची को कुत्तों से बचाया

गांव के युवक मनोज कुमार ने बताया कि मंगलवार की शाम को वह मछली पकड़ने के मकसद से सरेह में गया था। वहां एक हल्दी के खेत के बीच से बच्चे के रोने की आवाज मिली। जहां बच्ची रो रही थी उस जगह 3 4 कुत्ते भी भौंक रहे थे। मनोज दौड़ते हुए बच्ची के रोने की आवाज की दिशा में गया तो देखा कि हल्दी के खेत में बोरे में लिपटी हुई यह बच्ची रो रही है और कुत्ते उसकी तरफ नजर गड़ाए भौंक रहे हैं। मनोज ने तत्काल कुत्तों को वहां से भगाया और बच्ची को उठाकर अपने घर ले गया। घर पर मनोज ने बच्ची को गाय का दूध पिलाया उसके बाद वह शांत हुई। मनोज ने अपने परिजनों के साथ मिलकर बच्ची को डॉक्टर से दिखलाया। डॉक्टर ने बच्ची को स्वस्थ बताया है।

मां पर बच्ची को खेत में फेंक देने की आशंका

हल्दी के खेत में बच्ची मिलने की जानकारी फैलते ही भीड़ जुट गई। भीड़ में शामिल एक युवक ने बताया कि उसने एक महिला को हल्दी के खेत से निकलकर जाते हुए देखा था। वह महिला ऑटो पर सवार होकर दक्षिण दिशा में चली गई। जबकि वहीं एक बाइक सवार भी खड़ा था। महिला के जाने के बाद बाइक सवार उत्तर दिशा में निकल गया। आशंका जताई जा रही है कि बच्ची की मां ने ही उसे हल्दी के खेत में फेंक दिया था।  मनोज के घर मे  पूरे परिवार वाले बच्ची की देखभाल कर रहे हैं। उसने बताया कि इस मामले में पुलिस और प्रशासन को सूचना दे दी जाएगी।

क्या कहते हैं अधिकारी

इधर, फकुली  ओपी के प्रभारी उदय कुमार सिंह ने बताया है कि ग्रामीणों से उन्हें इस बारे में अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। लेकिन अपने स्तर से वे इसकी जानकारी ले रहे हैं। थानेदार ने कहा है कि कोई ग्रामीण बच्ची को रखना चाहते हैं तो कानूनी प्रक्रिया पूरी कर रख सकते हैं। यदि कोई बच्ची को नहीं रखेगा तो सरकारी स्तर पर उसके पुनर्वास की व्यवस्था होगी।

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