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ब्रिटिश काल में बनी सड़क आधुनिक तकनीक को दे रही टक्कर, बहुत कम होता है भूस्खलन

ब्रिटिश शासनकाल में अंग्रेजों का बनाया गया 223 मील लंबा यात्रा मार्ग आज भी सड़क निर्माण की बेहतरीन तकनीक का उदाहरण बना हुआ है।

ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग आए भूस्खलन और चट्टान गिरने से अवरुद्ध हो जाता है। कई घंटों तक यात्री सड़क मार्ग पर फंसे रहते हैं। जबकि हमारे पास आज सड़क निर्माण की उन्नत तकनीक है।

वहीं ब्रिटिश शासनकाल में अंग्रेजों का बनाया गया 223 मील लंबा यात्रा मार्ग आज भी सड़क निर्माण की बेहतरीन तकनीक का उदाहरण बना हुआ है। इस पैदल मार्ग पर बरसात में बहुत कम भूस्खलन और चट्टान गिरने की घटनाएं होती हैं। पैदाल यात्रा मार्ग पर बने डाट पुल (पत्थर और चूने से बनाए पुल) बनाए गए थे। पुलों में सीमेंट के बजाय, चूना और उड़द की दाल से चिनाई की गई थी।

आज भी इस यात्रा मार्ग पर कई डाट पुल सही सलामत खड़े हैं। हालांकि कुछ स्थानों पर आपदा के कारण गॉर्डर पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। सड़क पर जो पुश्ते लगाए गए थे, वे आज भी काफी मजबूत हैैं। इसलिए पैदल यात्रा मार्ग पर भूस्खलन और चट्टा गिरने की घटनाएं बहुत कम होता थी। गंगा के समांतर बने इस पैदल यात्रा मार्ग पर चलने के दौरान गंगा नदी के भी दर्शन होते हैं।

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