Site icon Overlook

बाढ़ के बाद गांवों में दिख रहे हैं बर्बादी के निशान, लोगों के पास न घर और न खाने के लिए राशन

बुंदेलखंड और सेंट्रल यूपी के जिलों में बाढ़ प्रभावित जिलों में अब बाढ़ जैसे हालात तो नहीं है, लेकिन गांवों से बाढ़ का पानी निकलने के बाद बर्बादी के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं। गांव लौट रहे लोगों के पास न घर है और न ही खाने के लिए राशन है। ऐसे में सामान्य जिंदगी को फिर से पटरी पर आने के लिए प्रशासनिक और सामाजिक संगठनों की राहत का ही सहारा है। जालौन जिले में यमुना और सिंध नदी का जलस्तर घटना शुरू हो गया है। इसके बाद अब ग्रामीणों की दुश्वारियां सामने आ रही हैं। घर गृहस्थी का सामान बर्बाद हो चुका है। रामपुरा के बिलौड़ गांव में लोगों में बीमारियां फैल रही हैं, बुखार, खांसी से ग्रामीण पीड़ित हैं। फिलहाल दूरी अधिक होने के कारण इलाज की भी सुविधा नहीं मिल पा रही है। डिकौली गांव में भी लोगों को खाने पीने के लिए परेशान होना पड़ रहा है, घरों में रखा अनाज भी भीगकर सड़ गया है। रामपुरा में जिनके घर गिरे हैं वह परिवार प्लास्टिक के तिरपाल डालकर रह रहे हैं। हमीरपुर में मंगलवार की शाम से नदियों का जलस्तर घटने लगा है।

Exit mobile version