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प्रेम विवाह करने वालों को राजस्थान पुलिस देगी सुरक्षा

जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में अब स्वेच्छा से विवाह करने वाले बालिगों को पुलिस की ओर से सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इसके लिए एक वाॅटसएप हेल्पलाइन शुरू काने के साथ ही हर थाने में वरिष्ठतम महिला पुलिसकर्मी को नोडल अधिकारी बनाया जाएगा।

राजस्थान में प्रेम विवाह या स्वेच्छा से विवाह करने वालों के खिलाफ खाप पंचायतों के फरमान सामने आते रहते है। इन्हें सुरक्षा देने के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी पुलिस को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इसी को देखते हुए राजस्थान पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक सिविल राइटस जंगा श्रीनिवासराव ने राज्य के सभी पुलिस उपायुक्तों और अधीक्षकों को परिपत्र जारी किया है।

इस परिपत्र में कहा गया है कि अंतरजातीय, भिन्न-भिन्न धर्मों या स्वेच्छा से विवाह करने वाले बालिगों को उनके जाति समाज के लोगों द्वारा परेशान करने या या अनावश्यक कानूनी कार्रवाई के मामलों में आवश्यक सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इसके लिए पुलिस थाना स्तर वहां की वरिष्ठतम महिला पुलिसकर्मी को इस कार्य के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। इसी तरह प्रत्येक जिला मुख्यालय पर उपनिरीक्षक स्तर की वरिष्ठतम महिला पुलिस अधिकारी को इस कार्य के लिए जिला नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। इसके अलावा पुलिस मुख्यालय में एक महिला आईपीएस अधिकारी राज्य नोडल अधिकारी होंगी। राज्य नोडल अधिकारी की सहातार्थ एक महिला आरपीएस अधिकारी भी नियुक्त की जाएगी।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने अपराध शाखा की पुलिस अधीक्षक लवली कटियार को राज्य नोडल अधिकारी एवं शालिनी सक्सेना अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राज्य विशेष शाखा को राज्य सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त भी कर दिया है।

एक वॉटसएप हेल्पलाइन भी

ऐेसे मामलों में तुंरत सहायता के लिए पुलिस मुख्यालय में एक वॉट्सअप हेल्प लाइन भी शुरू की गई है। इसका नंबर 8764871150 है। यह हेल्प लाइन अनवरत 24 घंटे सक्रिय रहेगी। इसके अलावा पुलिस थाना, जिला एवं राज्य स्तर पर एक वॉट्सअप हेल्प लाइन प्रारंभ की जाएगी। जो भी सूचनाएं आएंगी, उन्हें तत्काल संबंधित पुलिस थाने के नोडल अधिकारी को भेजा जाएगा।

ऐसे करेंगे निस्तारण

परिपत्र में कहा गया है कि जो भी सूचना मिलेगी, उसके बारे में सर्वप्रथम सामुदायिक सम्पर्क समूह (सीएलजी) एवं समाज के प्रमुख व्यक्तियों के माध्यम से दोनों पक्षों के परिवारों को विवाद का हल निकालने के लिए आपसी समझाईश की जाएगी। मामला हल नहीं हुआ तो दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत निरोधात्मक कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज कर प्राथमिकता से निस्तारण किया जाएगा और विवाह करने वालों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी। नाबालिग होने की स्थिति में उन्हें बालिग होने तक अपने परिजनों की सलाह मानने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

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