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नगर निगम नहीं कर पा रहा क्षमता के अनुरूप कचरे से बने जैविक खाद की बिक्री

नगर निगम नहीं कर पा रहा क्षमता के अनुरूप कचरे से बने जैविक खाद की बिक्री

शहर को कचरा मुक्त रखने के साथ-साथ जैविक खाद निर्माण की योजना ने नगर निगम में आकार लिया। फिर भी कचरे से बननेवाले जैविक खाद की बिक्री उत्पादन क्षमता के अनुसार कम हो रही है। विभाग इसके प्रति उदासीन है। खाद की बिक्री के लिए अलग से एक काउंटर तक की व्यवस्था नहीं है। बावजूद इसके कि शहरी क्षेत्र में तीन स्थानों पर जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है। कचरा प्रबंधन केंद्र प्रभारी के साथ आधा दर्जन कर्मचारी काम कर रहे हैं। कर्मियों पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। परंतु, खाद बिक्री से हजार रुपये की भी आमदनी नहीं हो रही है। जनवरी से जुलाई तक मात्र तीन सौ किलोग्राम खाद की बिक्री हुई है। इससे महज 1500 सौ रुपए की आमदनी हुई। बता दें कि निगम क्षेत्र के लहेरियासराय स्थित शहरी क्षेत्र में कमला लाइब्रेरी और हरी बोल तालाब के पास कचरे से जैविक खाद बनाने का काम चल रहा है। वैज्ञानिक ²ष्टिकोण से निगम का खाद उत्तम निगम प्रशासन का दावा है कि वैज्ञानिक ²ष्टिकोण से खाद उत्तम है। इसकी जांच कराई गई है। बताते हैं कि जैविक खाद बाजार से बेहद सस्ता है। दस किलोवाले पैकेट की कीमत 50 रुपये प्रति बैग है। पांच किलोवाले पैकेट की कीमत 25 रुपये प्रति बैग है। खाद तैयार करने वाले कर्मचारी अविनाश कुमार, संदीप कुमार बताते हैं कि अबतक जिन लोगों ने इस खाद का उपयोग किया है, उन्होंने इसे पूर्ण रूप से जैविक खाद बताया है।

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