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दो हजार श्रद्धालुओं ने बाबा बूढ़ानाथ के किए दर्शन, 138 दिन बाद खुले धार्मिक स्थल, गूंजे आस्था के जयकारे

138 दिनों के बाद गुरुवार को शहर के मंदिरों के पट खुले। पहले दिन मंदिर पहुंचे लोगों ने भगवान के द्वार पर अपना मत्था टेका तो आस्था के जयकारे से पूरा माहौल भक्ति के रंग में डूब गया। हालांकि इस दौरान मंदिर प्रबंधन द्वारा पूजा करने पहुंचे लोगों को न केवल सामाजिक दूरी का पाठ पढ़ाया गया, बल्कि पवित्र प्रतिमा को छूने के बजाय दूर से अभिषेक करने और पूजा करने का निर्देश दिया।

महर्षि मेंहीं आश्रम के संजय बाबा ने बताया कि मेंहीं आश्रम में 1200 लोग पहुंचे। लोग समाधिस्थल पर पहुंचे और महर्षि मेंहीं परमहंसजी महाराज व महर्षि संतसेवी जी महाराज को श्रद्धा के फूल चढ़ाए और मत्था टेका। इसके बाद आचार्य श्री हरिनंदन महाराज व भागीरथ दास जी महाराज का दर्शन उनके आवास में किया। इसके बाद भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया।

उन्होंने बताया कि इस दौरान यहां आने वाले लोगों को कोरोना के नियमों का पालन कराया गया। गुरुजी का दर्शन करने की चाह रखने वाले लोगों को मास्क पहनने व हैंड सेनिटाइजर के इस्तेमाल के बाद ही उनके आवास में प्रवेश करने की अनुमति थी। बूढ़ानाथ मंदिर के प्रबंधक बाल्मीकि सिंह के अनुसार, मंदिर का पट खुलने के पहले दिन सुबह से ही बाबाभक्तों का रेला उमड़ पड़ा।

इस दौरान करीब दो हजार भक्तों ने पूजा की। गुरुवार की रात 8:30 बजे बाबा का भव्य शृंगार महंत शिव नारायण गिरी जी महाराज और पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच किया गया। इसके पहले साफ-सफाई व मंदिर परिसर का सेनिटाइजेशन कराया गया। सामाजिक दूरी के साथ मंदिर के अंदर एक साथ पांच लोगों के प्रवेश की अनुमति है। इसके अलावा शिव-शक्ति मंदिर आदमपुर, कोतवाली चौक मंदिर, मनसकामना नाथ मंदिर आदि के पट भी खुले और लोगों ने पूजा-अर्चना की।

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