
गैलरी में प्रथम विश्व युद्ध की शीनगन और तोप भी प्रदर्शित की जाएगी। इसके अलावा गदर मूवमेंट से लेकर आजाद हिंद फौज से जुड़े दुर्लभ दस्तावेजों के अलावा भारत माता की आजादी के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले क्रांतिकारियों की अमर निशानियां इस गैलरी की शोभा बढ़ाएंगी। पीएमओ ने इस गैलरी के बारे में संस्कृति मंत्रालय से जानकारी ली है। इसके साथ ही आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस गैलरी को अहम बताते हुए इसके भव्य निर्माण की इच्छा जताई है जिसमें स्वतंत्रता आंदोलन की हर क्रांति को लाइट और साउंड के माध्यम दिखाया जाएगा। इसमें हर क्रांतिकारी की कहानियां भी आडियो, वीडियो के जरिए बयां होंगी। इस गैलरी में 1857 की तोप और प्रथम विश्व युद्ध की मशीन गन आकर्षण का केंद्र बनेगी। इसके अलावा अंग्रेजों के दांत खट्टे करने में इस्तेमाल किए गए कई छोटे-बड़े हथियार प्रदर्शित किए जाएंगे।आजाद गैलरी में रखने के लिए लाया जा सके। संग्रहालय के निदेशक डॉ सुनील गुप्त बताते हैं कि पुणे से शहीद राजगुरु के कुछ पत्रों को लाने के लिए संपर्क किया गया है। इस गैलरी में आजादी की झलक प्रस्तुत करने वाली तस्वीरें और वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी। संस्कृति मंत्रालय की ओर से आजाद गैलरी के बारे में पीएमओ को अवगत कराया गया है। इसके लिए संग्रहालय की ओर से मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी गई थी। अब इस इंटरेक्टिव गैलरी की डिजाइन के लिए काम तेज कर दिया गया है।