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दुष्कर्मी पिता को जेल, मामा को उम्र कैद ,दरिंदों पर कोर्ट की चाबुक

जमानत पर चल रहे आरोपी पिता को न्यायालय ने बृहस्पतिवार को जेल भेज दिया

दुष्कर्म के जुर्म में मामा समेत तीन को आजीवन कारावास

आठ माह पूर्व 15 वर्षीय सौतेली पुत्री को घर से अगवा कर एक माह तक दुष्कर्म करने के आरोपी पिता को अमर सिंह अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश न्यायालय संख्या पॉक्सो द्वितीय) ने आखिरी सांस तक जेल की सजा सुनाई है। जमानत पर चल रहे आरोपी पिता को न्यायालय ने बृहस्पतिवार को जेल भेज दिया।

दस फरवरी 2013 को सुरीर थाने के एक गांव निवासी मुस्लिम विधवा की 15 वर्षीय पुत्री को उसका दूसरा पति शौबी निवासी ममोरी, थाना छर्रा अलीगढ़, उस समय उठाकर ले गया जब मां अपनी किसी रिश्तेदारी में गई थी। घर लौटने पर उसको जानकारी हो सकी। दो दिन खोजबीन करने के बाद मां ने थाना सुरीर में अपने दूसरे पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।

आरोपी 15 वर्षीय सौतेली पुत्री को पहले अपने घर अलीगढ़ ले गया और वहां से वह उसे लातूर महाराष्ट ले गया। जहां पर उसने पुत्री के साथ दुष्कर्म किया। एफआईआर के अनुसार वह घर से मोटरसाइकिल, करीब डेढ़ लाख रुपये व सोने चांदी के जेवरात भी ले गया। पुलिस ने करीब एक माह बाद पुत्री को पिता के पास से बरामद किया और जेल भेजा। बाद में पिता की जमानत हो गई।

केस की सुनवाई करते हुए पॉक्सो द्वितीय की अदालत में अभियोजन ने सात गवाह पेश किए। जिसके बाद अदालत ने अपने निर्णय में पिता-पुत्री के रिश्ते का सामाजिक मानवीय सरोकार का जिक्र करते हुए अभियुक्त को आजीवन कारावास (प्राकृतिक जीवन तक) की सजा सुनाई है। एडीजीसी सुभाष चतुर्वेदी ने बताया कि अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा के अलावा दो लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। यह अर्थदंड पीड़िता को देय होगा। अभियुक्त द्वारा अर्थदंड न देने की स्थिति में यह यह राशि सरकार द्वारा पीड़िता को दी जाएगी।

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