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दिल्ली : तीन ड्रग्स तस्कर गिरोह गिरफ्तार, 83 किलो हेरोइन जब्त

दिल्ली पुलिस- की स्पेशल सेल ने ड्रग्स तस्करों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 से 13 मार्च के बीच तीन कुख्यात गिरोह के 12 तस्करों को गिरफ्तार कर 83 किलोग्राम हेरोइन पकड़ी है।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह स्पेशल सेल द्वारा पकड़ी गई ड्रग्स की सबसे बड़ी खेप है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 332 करोड़ रुपये बताई जा रही है। अफगानिस्तान और म्यांमार से तस्करी कर लाई गई हेरोइन की सप्लाई पश्चिमी देशों और भारत के विभिन्न इलाकों में होनी थी। पुलिस के हत्थे चढ़े तस्कर दिल्ली को हेरोइन तस्करी के लिए ट्रांजिट प्वाइंट के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे।

पुलिस ने नशे के कारोबार के नेटवर्क की कमर तोड़ी : स्पेशल सेल ने पिछले कुछ समय से मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय गिरोह से जुड़े तस्करों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। बीते सालों में स्पेशल सेल करीब 25 गिरोह से जुड़े सैकड़ों तस्करों को गिरफ्तार कर 275 किलोग्राम हेरोइन बरामद कर चुकी है। पुलिस तस्करों के नेटवर्क की कमर तोड़ने में जुटी है।

म्यांमार से आता था कच्चा माल

डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि शामूता गिरोह पर तीन महीने से नजर रखी जा रही थी। इस गिरोह के दो सदस्यों धनजी और धीरज को गुप्त सूचना के आधार पर दिल्ली के सराय काले खां स्थित इंद्रप्रस्थ पार्क के पास से 7 मार्च को दबोचा लिया गया, जिनके पास से 21 किलो हेरोइन बरामद हुई। फिर इनकी निशानदेही पर गिरोह की सरगना शामूता को 13 मार्च को असम से23.5 किलो हेरोइन के साथ दबोच लिया गया। तीनों आरोपियों से बरामद हेरोइन की कीमत करीब 180 करोड़ रुपये हैं। डीसीपी के मुताबिक, शामूता के पास म्यांमार से हेरोइन बनाने का कच्चा माल आता था, उसे वह धनजी के पास बिहार में भेज देती थी। वहां पर उम्दा क्वालिटी की हेरोइन बनाकर देश के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई की जाती थी।

लाजपत नगर से अफगानी गिरोह पकड़ा

 

स्पेशल सेल ने 12 मार्च को लाजपत नगर से अफगानिस्तान के तीन और एक नाइजीरियाई को ढाई किलोग्राम हेरोइन के साथ दबोचा है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब दस करोड़ रुपये है। गिरफ्तार आरोपियों में अफगानी मूल के एशानुल्लाह, मोहम्मद अमीन, अब्दुल रज्जाक और नाइजीरियाई नाडोजोई एम्यूयल शामिल हैं। नाइजीरियाई स्टूडेंट वीजा पर वर्ष 2011 में भारत आया था और यहां हेरोइन की तस्करी में लिप्त हो गया।

पश्चिमी देशों में सप्लाई करते थे नशीले पदार्थ

डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि स्पेशल सेल ने सिंकदर मामू गिरोह के पांच तस्करों को पह्लादपुर इलाके से 36 किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया। बरामद हेरोइन की कीमत 144 करोड़ रुपये है। दबोचे गए तस्करों में मोहम्मद सिकंदर, मोहम्मद उमर, अंकुश, अमित और मुकेश शामिल हैं। गिरोह का सरगना मामू यूपी के बरेली का रहने वाला है। उसी के जरिए हेरोइन की खेप म्यांमार और अफगानिस्तान से दिल्ली के रास्ते बरेली पहुंचती थी। पुलिस ने 8 मार्च को गुप्त सूचना पर पहले सिकंदर और उमर को दबोचा था। इनकी निशानदेही पर 13 मार्च को बाकी तीन आरोपियों को दबोचा गया। आरोपियों के पास से दो कार, दर्जनों मोबाइल और सिमकार्ड बरामद हुए हैं। गिरोह का सरगना मामू फरार है। उसकी तलाश जारी है।

इन रास्तों से दिल्ली में आती है ड्रग्स

नशे का काला कारोबार करने वाले अफगानिस्तान और म्यांमार से ड्रग्स भारत लाते हैं। दिल्ली तक ड्रग्स पहुंचाने के दो रास्ते हैं। इनमें अफगानिस्तान से पाकिस्तान और कश्मीर होते हुए ड्रग्स दिल्ली पहुंचाई जाती है। वहीं म्यांमार से मणिपुर और बिहार होते हुए भी राजधानी तक नशे की खेप पहुंचती है।

नशीले पदार्थ पैदा करने वाले देश

सबसे ज्यादा गांजा पकड़ा गया

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के वर्ष 2017 के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर से 2551 किलो अफीम, 2146 किलो हेरोइन, 3.52 लाख किलो गांजा, 3218 किलो चरस और 69 किलो कोकीन बरामद हुई थी

राजधानी के हर जिले में नारकोटिक्स सेल

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