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जम्मू-कश्मीर में लोकसभा के साथ हो सकते हैं विधानसभा चुनाव

अगले साल देशभर में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव भी कराया जा सकता है। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने हाल में 21 नवंबर को राज्य विधानसभा भंग कर दी थी। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 16 मार्च, 2021 में पूरा हो रहा था। अब निर्वाचन आयोग को राज्य में अगले छह महीने के भीतर विधानसभा चुनाव कराना है। यह सीमा 21 मई को समाप्त हो रही है।

सूत्रों का कहना है कि निर्वाचन आयोग लोकसभा चुनाव के साथ ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव भी करा सकता है। लोकसभा चुनाव के लिए जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा। इस लिहाज से विधासभा चुनाव भी इसके साथ ही कराना सुविधाजनक होगा। 87 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल छह साल का होता है, जबकि देश की बाकी विधानसभाओं व लोकसभा का कार्यकाल पांच साल होता है।
मालूम हो कि जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग होने से पहले पीडपी की नेता महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया था। उन्होंने 87 सदस्यीय सदन में कुल 56 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। लेकिन महबूबा के दावा पेश करने के तुरन्त बाद मलिक ने विधानसभा भंग कर दी थी। दो सदस्यों वाली पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया था। लोन ने भारतीय जनता पार्टी और अन्य पार्टियों के 18 विधायकों के समर्थन से यह दावा पेश किया था। इसी वर्ष पीडीपी के साथ भाजपा ने अपना गठबंधन समाप्त कर लिया था जिसके बाद राज्य में राज्यपाल शासन लागू है।
राज्य में कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा है। महबूबा मुफ्ती जब 2015 में मुख्यमंत्री बनी थीं तो उन्होंने अनंतनाग लोकसभा सीट से इस्तीफा दिया था परंतु खराब कानून व्यवस्था की स्थिति के बीच केंद्रीय बलों की अनुपलब्धता के कारण यहां अभी तक निर्वाचन आयोग चुनाव नहीं करा पाया और सीट अभी तक रिक्त है।

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