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जब जब देश मे चुनावी लहर आती है, भगवन राम की चर्चा तेज हो जाती है.

मै बात कर रहा हु उत्तर प्रदेश के अयोध्या भगवान राम की जन्म भूमि की, हमारे देश के कुछ वरिष्ठ राज नेताओं के बयान से सिर्फ ये साबित हो रहा है की देश का सबसे अहम् मुद्दा राम मंदिर है उसी की वजह से देश मे दंगे हो रहे है और अगर देश मे राम मंदिर का निर्माण हो गया तो देश मे झगड़े बंद हो जायेगे, मुझे तो ये बात समझ नहीं आती है की पिछले ४ वर्षो मे राम मंदिर का मुद्दा इतना क्यू नहीं गरमाया, जब २०१९ मे चुनाव है तो लोग अपनी नींद से जागे और राम नाम की हुंकार भरने लगे.
हाल मे ही चित्रकूट के महंत श्री रामभद्रा आचार्य जी ने स्पस्ट किया है की उनकी दूरभाष के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मंत्री मंडल के किसी वरिष्ठ मंत्री से वार्तालाप हुई  और उन्होंने महंत जी को विस्वास दिलाया है की देश के कुछ राज्यों मे विधान सभा के चुनाव संपन्न होने  ११ दिसंबर के बाद माननीय प्रधानमंत्री जी इस पर विचार करेंगे और संसद के शीत सत्र मे अध्यादेश भी लाएंगे।
अब विषय यह है की भगवान् राम का मंदिर २०१९ के लोक सभा के चुनाव से पहले बनेगा या बाद मे परन्तु वोटो का ध्रुवीकरण होना तो निश्चय है इस तरह के कथन से.
अर्पित श्रीवास्तव(Overlook Media)
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