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खतरे के निशान के ऊपर बह रहीं गंगा, घरों में पानी घुसने से पलायन शुरू, शवदाह में बढ़ी परेशानियां, जानें कैसे हैं हालात

वाराणसी में गंगा के जलस्तर में बढ़ाव जारी है। शाम सात बजे तक गंगा का जलस्तर 71.55 मीटर पहुंच गया। कॉलोनियों में पानी घुसने से पलायन शुरू हो गया है। राहत शिविरों का हाल भी बदहाल है।

बनारस में रविवार की देर रात एक बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर तक पहुंचा। रात दो बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 71.28 मीटर पर पहुंच गया। सोमवार की सुबह तक गंगा का जलस्तर 71.38 मीटर दर्ज किया गया। इसके बाद गंगा के जलस्तर में शाम छह बजे तक एक से डेढ़ सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ाव जारी रहा।

शाम को छह बजे के बाद गंगा में बढ़ाव तेज हो गया और रफ्तार दो सेंटीमीटर प्रति घंटा हो गया। सात बजे तक गंगा का जलस्तर 71.55 मीटर पहुंच गया। चार अगस्त को कोटा बैराज धौलपुर से 22 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी के जलस्तर में नौ मीटर तक वृद्धि हो गई है। इससे जुड़ी यमुना में छह मीटर बढ़ाव दर्ज किया गया है। 

शवदाह के लिए नावें बनी सहारा 

मणिकर्णिका घाट पर शवदाह करने वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गलियों तक पानी भर जाने के कारण नावों के जरिए शवों को घाट तक ले जाना पड़ रहा है। मणिकर्णिका घाट का निचला इलाका जलमग्न होने के कारण छतों पर ही शवदाह किया जा रहा है। वहीं हरिश्चंद्र घाट पर सीढ़ियां भी डूब गई हैं। गलियों और ऊंचे स्थानों पर शवदाह कराया जा रहा है। 

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