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क्या होगा खास: डिजिटल कार्ड से वकीलों को मिलेगी एंट्री, दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को सौंपे जिला अदालतों की सुरक्षा के सुझाव

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को अपने सुझाव उच्च न्यायालय को सौंप दिए। पुलिस आयुक्त द्वारा अदालतों की त्रिस्तरीय सुरक्षा का सुझाव दिया है।इस दौरान उन्होंने कहा कि अदालतें आसान निशाने पर होती हैं, लिहाजा 24 घंटे निगरानी के साथ यहां नितांत आवश्यक होने पर ही लोगों को प्रवेश की अनुमति दी जाए।

रोहिणी कोर्ट में 24 सितंबर को हुई गैंगवार की घटना के बाद उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेकर 30 सितंबर को दिल्ली पुलिस आयुक्त, दिल्ली विधिज्ञ परिषद, सभी बार एसोसिएशन और अन्य हितधारकों से सुझाव मांगे थे। पीठ ने कहा था कि सभी हितधारकों के सुझाव जरूरी है ताकि अदालतों की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए जारी होने वाले दिशा-निर्देशों में किसी तरह की कोई खामी नहीं रहे।

मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली विधिज्ञ परिषद (बीसीडी) ने पीठ को बताया कि अदालतों में वकीलों को इलेक्ट्रॉनिक चिप वाले एक नए स्मार्ट कार्ड से प्रवेश देने का सुझाव दिया है।बीसीडी ने पीठ को बताया कि अदालतों में वकीलों को भी जांच के बाद प्रवेश देने का सुझाव दिया है। मामले की सुनवाई ने दौरान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने पीठ को बताया कि उन्होंने भी अपना सुझाव पेश किया है।

पुलिस, बीसीडी और अन्य हितधारकों द्वारा पेश कुछ सुझाव

– अदालत परिसर में किसी को भी नितांत जरूरी होने पर ही मिले प्रवेश।

– वकीलों को डिजिटल आईडी कार्ड और सुरक्षा जांच के बाद प्रवेश मिले।

– लॉ इंटर्न के लिए अलग ड्रेस तय की जाए।

– वकीलों के क्लर्क/मुंशी के लिए अलग से डिजिटल पहचान पत्र जारी किए जाएं।

– सभी की मेटल डिटेक्टर से तलाशी ली जाए। विरोध करने वाले वकीलों के खिलाफ बार काउंसिल द्वारा कदाचार के आरोप में कार्रवाई की जानी चाहिए।

– हर 15 दिनों पर सुरक्षा एजेंसी और संबंधित बार एसोसिएशन के बीच बैठक हो।

त्रिस्तरीय सुरक्षा

1. कोर्ट का बाहरी सुरक्षा तंत्र मजबूत हो

2. अदालत परिसर और बिल्डिंग के गेट पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था

3. कोर्ट और परिसर के भीतर सादे लिबास में सुरक्षा गार्ड की तैनानी।

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