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अंतिम संस्कार के नहीं थे पैसे तो शव को गंगा में बहाया, चार दिन बाद पुलिस ने करवाई अंत्येष्टि

कैलावर चौकी प्रभारी शिवमणि त्रिपाठी ने दो क्विंटल लकड़ी खरीदकर दी और अंतिम संस्कार करवाया। अलीनगर के बरईपुर खरियारी गांव का मृतक था। 

यूपी के चंदौली के अलीनगर थाना क्षेत्र स्थित बरईपुर खरीदारी गांव निवासी युवक की गंभीर बीमारी के चलते 11 अगस्त को मौत हो गई थी। परिजनों के पास अंतिम संस्कार और लकड़ी खरीदने तक के पैसे नहीं थे। इस वजह से युवक के शव को गंगा में बहा दिया। गंगा में जब बाढ़ का पानी कम हुआ तो रविवार को युवक का शव बलुआ के महरौड़ा में उतराया मिला। पुलिस ने मामले की पड़ताल की तो पता चला कि पैसे के अभाव में परिजनों ने शव को गंगा में बहाया था। इसके बाद कैलावर चौकी प्रभारी ने दो क्विंटल लकड़ी खरीदकर दी और अंतिम संस्कार करवाया।

बलुआ के महड़ौरा में गंगा किनारे रविवार को युवक का शव मिलने से सनसनी फैल गई। पुलिस के अनुसार, तफ्तीश की तो पता चला कि शव अलीनगर के बरईपुर खरियारी निवासी शोभू राम के छोटे पुत्र दीपक का है। गंभीर बीमारी के चलते दीपक का निधन 11 अगस्त को होने के बाद पैसों के अभाव में परिवार के लोगों ने अंतिम संस्कार करने के बजाय गंगा में प्रवाहित कर दिया था। गंगा में बाढ़ का पानी कम हुआ तो शव दिखाई दिया। 

कैलावर चौकी प्रभारी शिवमणि त्रिपाठी ने मानवता का परिचय देते हुए परिजनों की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार करवाया। साथ ही अन्य कर्मकांड के लिए यथासंभव मदद का भरोसा दिया। बरईपुर खरियारी निवासी दीपक आंत की बीमारी से ग्रसित थे। 

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