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सिख विरोधी दंगा: पड़ोसी ने बचाने को खोला था दरवाजा, दंगाइयों ने चौखट पर ही मार डाला था

घटना के दिन दंगाइयों ने तेज प्रताप के मकान में धावा बोल दिया था। तेज प्रताप व उनके बेटे सत्यवीर को घर के अंदर ही पीटा।

सिख विरोधी दंगे के दौरान दबौली एल-ब्लॉक स्थित मकान में रहने वाले पिता और पुत्र को जब दंगाइयों ने मारने की कोशिश की थी तब पड़ोसी रामचंद्र शर्मा ने उन्हें बचाने के लिए अपना घर का दरवाजा खोल दिया था। लेकिन दंगाइयों ने उनकी आंखों के सामने पिता-पुत्र की हत्या कर दी थी। यह बयान पड़ोसी ने एसआईटी को दर्ज कराए हैं।

सिख दंगे की जांच कर रहे एसआईटी के एसएसपी बालेंदु भूषण ने दावा किया कि एक नवंबर 1984 को गोविंद नगर थाना क्षेत्र के दबौली एल-ब्लॉक स्थित मकान में रहने वाले कारोबारी तेज प्रताप सिंह (45) और बेटे सत्यवीर सिंह (22) की दंगाइयों ने हत्या कर शव को जला दिया था। इसकी पुष्टि के लिए उन्होंने इसी मकान के सामने रहने वाले पड़ोसी 70 वर्षीय रामचंद्र शर्मा के बयान दर्ज किए।

रामचंद्र ने टीम को बताया कि वह 1984 के पहले से यहां रह रहे हैं। घटना के दिन दंगाइयों ने तेज प्रताप के मकान में धावा बोल दिया था। तेज प्रताप व उनके बेटे सत्यवीर को घर के अंदर ही पीटा। तेज प्रताप अपनी जान बचाने के लिए घर से बाहर भागे, जिन्हें बचाने के लिए उन्होंने अपने घर का दरवाजा खोल दिया।

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