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विक्रम कोठारी पर चला बैंक का चाबुक, 900 करोड़ का ऋण न चुका पाने पर हुई कार्रवाई

कानपुरः बैंक ऑफ इंडिया ने शहर के उद्योगपति विक्रम कोठारी के तिलक नगर स्थित आवास (मकान संख्या 7/23) को अपने कब्जे में ले लिया है। कोठारी का बैंक पर करीब 900 करोड़ रुपये ऋण है। यह ऋण खाता वर्ष 2015 में ही एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेट्स) हो गया था।

विक्रम कोठारी ने कई साल पहले बैंक ऑफ इंडिया की बिरहाना रोड स्थित शाखा से चार कंपनियों के नाम से अलग-अलग ऋण लिया था। यह ऋण रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से 830 करोड़ रुपये, कोठारी फूड एंड फ्रेगरेंस के नाम से 155 करोड़ रुपये, रोटोमैक एक्सपोर्ट के नाम से 245 करोड़ रुपये और क्राउन एल्वा के नाम से 165 करोड़ रुपये का था।

बंधक संपत्ति को कब्जे में ले लिया

वर्ष 2015 में सभी ऋण खाते एनपीए होने के बाद बैंक ने कई नोटिस जारी किए लेकिन न तो ऋण जमा किया गया, न ही नोटिस का जवाब दिया गया। इस पर बैंक की ओर से सरफेसी एक्ट के तहत 27 जुलाई 2016 को रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के नाम 848 करोड़ रुपये का मांग नोटिस जारी किया गया था।

इसके बाद भी ऋण की अदायगी नहीं हुई। करीब डेढ़ साल बाद चार दिसंबर 2018 को रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ऋण खाते के नाम पर बंधक संपत्ति (मकान संख्या 7/23, तिलक नगर) को कब्जे में ले लिया। बैंक की ओर से जारी नोटिस में बताया गया कि वर्तमान में 848 करोड़ रुपये ऋण के अलावा 30 सितंबर 2015 से ब्याज एवं अन्य खर्च भी बकाया हैं।

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