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लोकसभा चुनाव 2019 : कांग्रेस के हाथ को पतवार का इंतजार

रुहेलखंड- में एक अदद सांसद विधायक को तरस रही कांग्रेस को इस चुनाव में पतवार का इंतजार है। बरेली, बदायूं और पीलीभीत में 1989 के चुनाव के बाद हाशिए पर गई कांग्रेस की 2009 के चुनाव में सांसद प्रवीन सिंह ऐरन ने वापसी कराई थी। शाहजहांपुर को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। सुरक्षित होने के बाद यह सीट भी कांग्रेस के साथ से जाती रही। अच्छे प्रभाव और बोलबाले वाली सीट लखीमपुर व धौरहरा भी पिछले चुनाव में कांग्रेस के हाथ से जाती रहीं। इस चुनाव में कांग्रेस हर सीट पर जीत की संजीवनी तलाश रही है। मुख्य संवाददाता की रिपोर्ट…

2014 के चुनाव में चौथे नंबर की पार्टी बन गई कांग्रेस

2014 के चुनाव में कांग्रेस रुहेलखेंड में चौथे नंबर की पार्टी बन गई। कांग्रेस के प्रत्याशी सभी सीटों पर चौथे नंबर पर रहे। कांग्रेस भाजपा के साथ-साथ सपा और बसपा से भी पीछे रही। बरेली लोकसभा में कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीन सिंह ऐरन, आंवला में सलीम इकबाल शेरवानी, पीलीभीत में संजय कपूर, शाहजहांपुर में चेतराम, खीरी में जफर अली नकवी और घौरहरा में जितिन प्रसाद को चौथी रैंक मिली जबकि बदायूं में पार्टी ने प्रत्याशी ही नहीं लड़ाया। लोकसभा के साथ-साथ कांग्रेस का रुहेलखंड से विधानसभा में भी कोई प्रतिनिधि नहीं है।

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