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नौकरी रहेगी सुरक्षित, अतिथि शिक्षकों को मिला सरकार का सुरक्षा कवच, मूल जनपद में तैनाती को प्राथमिकता

स्थायी शिक्षक की नियुक्ति होने पर हटाए गए अतिथि शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में नियुक्ति दी जाएगी। इसमें भी मूल जनपद में तैनाती को प्राथमिकता देने का भी निर्णय किया गया है। अतिथि शिक्षकों की तैनाती वाले स्कूलों में नई नियुक्तियां नहीं की जाएंगी। अपने भविष्य को लेकर लंबे समय से असुरक्षित महसूस कर रहे अतिथि शिक्षकों को सोमवार को सुरक्षा कवच मिल गया।

 लोक सेवा व अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग से चुनकर आने वाले एलटी और प्रवक्ता की पोस्टिंग के लिए अतिथि शिक्षकों को नहीं हटना होगा। कैबिनेट के फैसले से अतिथि शिक्षकों में खुशी की लहर है। अब तक स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति होने पर अतिथि शिक्षकों को हटा दिया जाता था।

हालांकि सरकार ने हटने वाले अतिथि शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में नियुक्ति का रास्ता खुला रखा था लेकिन उस पर कभी पूरी तरह अमल नहीं हो पाया। पिछले दिनों भी एलटी से प्रवक्ता पद पर प्रमोशन और नए प्रवक्ताओं की नियुक्ति की वजह से कई अतिथि शिक्षकों केा हटना पड़ा। चार जुलाई की कैबिनेट बैठक में अतिथि शिक्षक के हित में उनके पदों को रिक्त न मानने पर सहमति बन गई थी।

नई व्यवस्था में अतिथि शिक्षकों के पदों को एक तरह से स्थायी मान लिया गया है। जिन पदों पर अतिथि शिक्षक नियुक्त होंगे उन्हें रिक्त नहीं माना जाएगा। माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह दानू ने इस फैसले के लिए सरकार का आभार जताया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी यही परिभाषित करते हैं। निवर्तमान महामंत्री डॉ. सोहन सिंह माजिला ने कहा कि यदि अतिथि शिक्षकों के पद रिक्त नहीं माने जाते है, स्थायी शिक्षकों के प्रमोशन और ट्रांसफर प्रभावित होंगे। यदि कैबिनेट ये इस प्रकार का निर्णय हुआ है, सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए।

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