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दोस्त की हत्या करने की जुर्म में हुई दोस्त को आजीवन करावस की सजा

दोस्त की हत्या करने वाले बदमाश रुद्र प्रताप सिंह को बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उसने अपने दोस्त रेलवे कर्मचारी अमरजीत की हत्या की थी। उस पर 23 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर दो साल दो महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

जानकारी के मुताबिक, अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अभयनंदन त्रिपाठी एवं धर्मेंद्र दूबे का कहना था कि शाहपुर थाना के सुड़िया कुंआ एल्युमीनियम फैक्ट्री निवासी वादी सुरेंद्र सिंह ने थाना शाहपुर में 5 जनवरी 2010 को केस दर्ज कराया था। इसमें उन्होंने बताया कि सीतामढ़ी से घर पहुंचने पर सूचना मिली कि बौलिया कॉलोनी निवासी दामाद रुद्र प्रताप सिंह के यहां कोई हादसा हुआ है। वहां गया तो देखा कि जली हुई लाश फर्श पर पड़ी थी।

पुलिस रुद्र प्रताप का शव मानते हुए केस दर्ज कर लिया था। अखबार में रुद्र प्रताप सिंह की मृत्यु की सूचना पढ़ने के बाद 8 जनवरी 2010 को चिलुआताल थाना क्षेत्र के सिहोरवा निवासी संतलाल ने थाना शाहपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई कि बड़ा लड़का अमरजीत जो रेलवे यांत्रिक कारखाने में रुद्र प्रताप सिंह के साथ कार्य करता था, वह लापता है।

29 दिसंबर 2009 को रुद्र प्रताप सिंह व उसका साला सूरज सिंह घर आए और अमरजीत को अपने साथ लेकर गए थे। तब से वह घर नहीं आया। विवेचना में पता चला कि रुद्र प्रताप सिंह ने ही अमरजीत की हत्या कर उसकी लाश को जला दिया।

पहले ससुर अपने दामाम रुद्र प्रताप को मरा समझे थे, जो जिंदा है। दोस्त की हत्या के बाद खुद को बचाने के लिए उसने साजिश रची थी। पुलिस की जांच और साक्ष्यों के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश राहुल दूबे ने शाहपुर के बौलिया कॉलोनी निवासी रुद्र प्रताप को आजीवन करावास की सजा के साथ ही 23 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।

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