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जगह-जगह धूमधाम से मनाई गई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। श्रद्धालुओं ने श्रीकृष्ण की आरती उतारी और मंगलगीत गाए। वातावरण में उत्सव, उल्लास और भक्ति की त्रिवेणी बहती रही। देर रात तक लोगों के घरों से लेकर सार्वजनिक स्थलों तक ‘नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की’… ‘गोविंद जय-जय, गोपाल जय-जय’… जैसे भजन गूंजते रहे। रात 12 बजे जैसे ही देवकीनंदन ने जन्म लिया भक्त भाव विभोर होकर झूम उठे और जय श्रीकृष्ण के नारे लगाने लगे। मंदिरों और पंडालों में शंख-घड़ियाल बजने लगे।  

लीला नंदन भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर शहर गुलजार रहा। सुबह से रात तक मंदिरों, घरों तथा सार्वजनिक जगहों पर सजाई गई नंदलाल की झांकियों की पूजा-अर्चना होती रही। कोरोना संक्रमण के मद्देजनजर जन्माष्टमी पर मेला तो नहीं लगा, लेकिन देर रात तक लोग झांकियों का दर्शन करते करते नजर आए। मंदिरों व घरों में प्रात:काल से शुरू हुआ श्रीकृष्ण नाम संकीर्तन देर रात तक चला। लोगों ने जन्माष्टमी का व्रत रखा और पूजा-अर्चना की। पुलिस लाइंस, 26वीं वाहिनी पीएसी कैंप, गोपाल मंदिर समेत अनेक स्थानों पर भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित झांकियां सजाई गईं। पुलिस लाइंस में आकर्षक झांकी सजाई गई थी। आरआई उमेश चंद दुबे ने अपने भजनों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कोरोना के कारण इस बार जलकल में झांकी नहीं सजाई गई। जाफरा बाजार, बसारतपुर, रुस्तमपुर, बेनीगंज, तिवारीपुर, मोहद्दीपुर, कूड़ाघाट, गोरखनाथ, आर्यनगर, शाहपुर, असुरन आदि मुहल्लों में झांकियां सजाई गई थीं।

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