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घर छोड़ दूसरी जगह शरण लेने को मजबूर पीड़ित, घरों में घुसा बाढ़ का पानी

शुरुआत में तो पानी बहुत था। स्कूल, अस्पताल, मंदिर डूब गए थे। हालांकि, अब जलस्तर नीचे जा रहा है, लेकिन स्थिति अभी भी खराब है। हमारी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है। हमें बताया गया था कि सरकार सभी बाढ़ पीड़ितों को मदद भेजेगी, लेकिन हमें अभी तक कोई सहायता नहीं मिली है। सारण के एक अन्य निवासी कुंदन पटेल ने बताया कि बाढ़ ने किसानों को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने जो फसल लोन लेकर बोई थी वह खत्म हो चुकी है। किसान भारी नुकसान उठा रहे हैं। 

हाजीपुर की रहने वाली इंदु देवी ने एएनआई को बताया कि बाढ़ का पानी घरों में आने से हम अपने परिवार व जानवरों के साथ दूसरी जगह आ गए हैं, लेकिन यहां जिंदा रह पाना बहुत कठिन हो रहा है। उन्होंने बताया कि हमें कभी-कभी ही खाना मिलता है, ज्यादातर समय भूखे रहना पड़ता है। एक और पीड़ित ने बताया कि सरकार हमें 12 से दो बजे के बीच खाना देती है।

बाढ़ के कारण बिहार के हालात खराब होते जा रहे हैं। यहां के 26 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। अब हाजीपुर व सारण में घरों में पानी घुसने से लोगों को ऊंचे स्थानों पर शरण लेनी पड़ रही है। सारण में खेतों में पानी भरने से कई किसानों की फसल भी बर्बाद हो चुकी है। 

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