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गंगा में नहाते समय हलवाई डूबा, गोताखोरों द्वारा अभी तक तलाश जारी

मिर्जापुर शहर के नार घाट पर गुरुवार को स्नान के दौरान एक हलवाई डूब गया। घटना के कई घंटे बाद भी नदी में डूबे हलवाई का कोई सुराग हाथ नहीं लगा। पुलिस गोताखोरों की मदद से उसकी तलाश में जुटी है। तलाश के लिए विंध्याचल के गोताखोरों के साथ पीएसी की फ्लड टीम को भी बुलाया गया।  

कटरा कोतवाली क्षेत्र के लाल डिग्गी निवासी राम लखन मोदनवाल हलवाई (57) का काम करते हैं। वह बृहस्पतिवार सुबह गंगा स्नान करने के लिए शहर कोतवाली क्षेत्र के नार घाट गए थे। स्नान करते समय वह गहरे पानी में चल गए और डूबने लगे। डूबते समय शोर मचाने पर घाट पर मौजूद लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश की पर असफल रहे। गहरे पानी में जाने से वे डूब गए।

स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना परिजनों और पुलिस को दी। घाट पर पहुंचे परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंचे शहर कोतवाली अरुण कुमार दुबे स्थानीय गोताखोर के साथ विंध्याचल से गोताखोर बुलाकर खोजबीन शुरू कराया। शाम तक पता न चलने पर पुलिस ने पीएसी की फ्लड टीम को बुलाकर खोजबीन कराया। टीम ने नारघाट से फतहां तक तलाश कर रही है।

जान जोखिम में डाल श्रद्धालु कर रहे गंगा स्नान

बाढ़ समस्या से निजात मिलने के बाद भी विंध्य क्षेत्र के पक्का घाट पर जमे सिल्ट अभी तक नहीं साफ किए गए। जिससे गंगा स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा देश के कोने-कोने से आने वाले भक्तों को हो रही है। गंगा का जलस्तर घटने के बाद पक्का घाट समेत अन्य घाटों पर चारों तरफ सिल्ट ही सिल्ट नजर आ रही है।

ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं को स्नान करने में काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। गंगा घाट की सीढ़ियों पर सिल्ट के साथ ही कूड़े का अंबार पड़े हुए हैं। पक्का घाट पर भक्तों के स्नान करने के लिए ना तो  कहीं पर बैरिकेडिंग लगाई गई है और ना ही साफ-सफाई की व्यवस्था कराई गई है।

मजे की बात तो यह है कि यदि शाम के समय कोई भक्त गंगा स्नान करने के लिए आता है तो वह सिल्ट में फिसल कर गिरकर जख्मी भी हो जाता है। प्रकाश की समुचित व्यवस्था न होने से शाम के समय घाटो पर अंधेरा पसरा रहता है।

अंधेरे के चलते दूरदराज से आने वाले भक्तजनों को बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही का आलम यह है कि वह सब कुछ जान कर भी अनजान बना हुआ है। गंगा स्नान बाद महिलाओं को वस्त्र बदलने के लिए गंगा घाटों पर कोई जगह नहीं है। ऐसे में उनको परेशानी होती है।

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