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ओमिक्रॉन के लिए नई गाइडलान जारी: विधानसभा चुनाव-2022: तो क्या चुनावी सभाओं-रैलियों पर भी लग पाएगी रोक?

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए भीड़ नियंत्रण को कड़े कदम उठाए जाएंगे। इस क्रम में मंगलवार को मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को अधिकार दे दिए कि कोरोना के केस बढ़ने पर वो अपने स्तर पर नाइट कर्फ्यू, ज्यादा भीड़ जुटने पर प्रतिबंध, विवाह और अंत्येष्टि में लोगों की संख्या सीमित करने जैसे कदम उठा सकते हैं।

 विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच सरकार सियासी रैलियों और जनसभाओं पर भी रोक लगाएगी? राजनीतिक दल भी इसके लिए तैयार होंगे या नहीं? कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन की वजह से प्रदेश में एक बार फिर चिंता का माहौल है। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए सरकार अलर्ट मोड में आती दिख रही है।

 चुनावी रैलियों-सभाओं में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ने से संक्रमण का खतरा बन सकता है। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के साथ कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, उत्तराखंड क्रांति दल, बहुजन समाज पार्टी समेत तमाम दल इस वक्त काफी सक्रिय हैं।

कोरोना संक्रमण बढ़ने से रोकने के लिए जिलाधिकारियों को सख्त कदम उठाने को कहा है। उन्होंने कहा कि यदि मरीज बढ़ रहे हैं तो कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं और भीड़ एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया जाए। शादी समारोह और अंत्येष्टि में शामिल होने वालों की संख्या सीमित करने को भी कहा गया है।

भाजपा, सरकार और प्रशासन की ओर से जारी हर आदेश का पालन करेगी। कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए भाजपा का रुख सदैव साफ और सकारात्मक रहा है। संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सरकारी स्तर पर उठाए गए हर कदम पर अमल करेंगे।

कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए बड़ी चुनावी रैलियों पर पूरी तरह रोक लगा देनी चाहिए। उक्रांद काफी समय से इसकी मांग कर रहा है। भाजपा, कांग्रेस दोनों ही लगातार बड़ी रैलियों का आयोजन कर कोरोना को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं।

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