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उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट : हमेशा बाहरी उम्मीदवार पर जताया भरोसा

दस साल- पहले वर्ष 2008 में उत्तर-पूर्वी संसदीय सीट का परिसीमन के बाद गठन हुआ था। यह पहले पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट का हिस्सा थी। इस पर अबतक दो बार चुनाव हुए हैं, जिसमें एक बार कांग्रेस और दूसरी बार भाजपा ने जीत हासिल की। इस सीट पर हमेशा बाहरी उम्मीदवार ने आकर जीत हासिल की है। पूर्वी दिल्ली होते हुए लाल विहारी तिवारी हों या फिर अलग सीट बनने के बाद जय प्रकाश अग्रवाल या मनोज तिवारी, चुनाव से पहले यह सीट उनके लिए अंजान थी।

वर्ष 2011 की जनगणना रिपोर्ट के मुताबिक यह एशिया की सबसे घनी आबादी वाला इलाका है। नई सीट बनने के बाद वर्ष 2009 में पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल ने भाजपा के बीएल शर्मा प्रेम को हराया था। हार का अंतर करीब दो लाख से अधिक का था। जय प्रकाश अग्रवाल चांदनी चौक से इस सीट पर लड़ने आए थे। बीएल शर्मा प्रेम भी यहां के लिए बाहरी उम्मीदवार थे।

वर्ष 2014 में दूसरा लोकसभा चुनाव हुआ था। इस बार 23 उम्मीदवार मैदान में थे। इस बार फिर कांग्रेस से जाना पहचाना चेहरा और तत्कालीन सांसद जयप्रकाश अग्रवाल के अलावा भाजपा से मनोज तिवारी और आम आदमी पार्टी से प्रो. आनंद कुमार को इस सीट पर उतारा गया। जयप्रकाश अग्रवाल, क्योंकि सांसद थे तो जनता उन्हें पांच साल से जानती थी। मगर 2014 में यहां मतदाताओं ने फिर बाहर से आए मनोज तिवारी को एक लाख से अधिक मतों से विजयी बना दिया। दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के प्रो. आनंद कुमार रहे। इस संसदीय सीट पर कुल 10 विधानसभा क्षेत्र हैं। 2014 में भाजपा को भारी मतों से जिताने के बाद भी 2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 10 में से नौ सीटों पर आम आदमी पार्टी जीती थी।

जातीय समीकरण मुद्दा हावी : उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट पर अलग-अलग जातीय समीकरण हैं। विधानसभा वार यहां हर सीट पर किसी न किसी जाति का दबदबा है। वहीं, उससे भी बड़ा मुद्दा प्रवासी आबादी और अनधिकृत कॉलोनियों का है। इस इलाके में सोनिया विहार, श्रीराम कॉलोनी, बुराड़ी जैसी बड़ी अनधिकृत कॉलोनियां है जहां बहुतायत में प्रवासी रहते हैं। वह जातीय समीकरण से ज्यादा विकास को तवज्जो देते है, जबकि कई जगहों पर जाति समीकरण हावी है।

2008 में गठन

2008 में दिल्ली की संसदीय सीटों के परिसीमन के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट का गठन हुआ। इसके अंतर्गत ये 10 विधानसभा सीट आती हैं जिनमें- सीमापुरी, गोकलपुरी, घोंडा, सीलमपुर, रोहतास नगर, बाबरपुर, करावल नगर, बुराड़ी, तिमारपुर, मुस्तफाबाद शामिल हैं

खास बात

इस संसदीय सीट पर 10 विधानसभा क्षेत्र हैं, यहां दूसरे राज्यों से आए प्रवासियों की संख्या यहां के मूल निवासियों से भी अधिक है।

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