हरिवंश चुने गए राज्यसभा के उपसभापति, मोदी बोले- सब कुछ ‘हरि’ के भरोसे

नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से राज्यसभा के उपसभापति को लेकर चला आ रहा सस्पेंस खत्म हो गया है। गुरुवार सुबह हुई वोटिंग में एनडीए के प्रत्याशी हरिवंश नारायण सिंह को बड़ी जीत मिली है। चुनाव में जीत के बाद उन्हें राज्यसभा का उपसभापति चुन लिया गया है। उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को 20 वोट से हराया। हरिवंश को 125 वोट मिले जबकि बीके हरिप्रसाद को 105 वोट।

कांग्रेस ने अपनी पार्टी के नेता बीके हरिप्रसाद को विपक्ष के संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा था तो वहीं एनडीए ने हरिवंश नारायण सिंह को। शिवसेना और बीजेडी की ओर से हरिवंश को समर्थन की घोषणा के बाद उनकी जीत तय मानी जा रही है। भाजपा ने अपने सांसदों को वोटिंग के दिन सदन में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया था। चुनाव शुरू होने से पहले राज्यसभा महासचिव ने सदन को वोटिंग प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। चुनाव के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हरिवंश जी पहले एनडीए के प्रत्याशी थे, लेकिन चुनाव जीतने और उपसभापति बनने के बाद यह पूरे सदन के हो गए हैं किसी एक पार्टी के नहीं। वह अपना काम अच्छे से करें, हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।

पीएम मोदी ने दी जीत की बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरिवंश को राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन चुने जाने पर बधाई दी है। चुनाव के बाद मोदी खुद हरिवंश से मिलने उनकी सीट तक गए। उन्होंने मजाक में कहा कि अब सब कुछ सदन में हरि के भरोसे है। मोदी ने उनकी तारीफ में कहा कि हरिवंश जी कलम के बड़े धनी हैं। हरिवंश जी चंद्रशेखर जी के चहेते थे। जिस भूमि (बलिया) से यह आते हैं, आजादी की लड़ाई में उसकी बड़ी भूमिका रही। अगस्त की क्रांति में बलिया की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

मोदी ने कहा कि हरिवंश ने पत्रकारिता को जन आंदोलन की तरह लिया। पूर्व पीएम चंद्रशेखर के साथ काम करते हुए भी उन्होंने अपने पद की गरिमा को बनाए रखा। मोदी ने यह भी कहा कि पूर्व पीएम चंद्रशेखर के साथ काम करते हुए वह जानते थे कि वह इस्तीफा देने वाले हैं। लेकिन उन्होंने पद की गरिमा को बनाए रखी और अपने अखबार तक में खबर नहीं छापी।

वहीं कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी ने कहा कि कभी हम जीतते हैं तो कभी हारते हैं।

विपक्षी एकता की राह में रोड़ा कांग्रेस : आप
उपसभापति चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी कांग्रेस से बेहद नाराज दिखी। आप के सांसद संजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस के रवैये को देखते हुए हमने सदन से अनुपस्थित रहने का फैसला किया है। कांग्रेस विपक्षी एकता की राह में सबसे बड़ा रोड़ा है।

इससे पहले, चुनाव से पहले दोनों प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए। विपक्षी उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद ने कहा ‘हमें विश्वास है कि हमारे पास जरूरी नंबर हैं। विपक्ष एकजुट है।’ वहीं एनडीए उम्मीदवार हरिवंश भी अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नजर आए।

चुनाव में आठ सदस्य रहे अनुपस्थित
इस चुनाव से आठ सदस्य अनुपस्थित रहे। आम आदमी पार्टी के तीन, वाईएसआर कांग्रेस और पीडीपी के दो-दो और डीएमके के एक सदस्य सदन से गैरहाजिर रहे।